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Pakistan: जुमे की नमाज के दिन पाकिस्तान में आया सियासी भूचाल, इमरान ने किया शहबाज के खिलाफ हकीकी आजादी मार्च निकालने का ऐलान

नई दिल्ली। जिस तरह मछली बिन पानी के छटपटाती है, ठीक उसी प्रकार से अभी पाकिस्तान के पूर्व वजीर-ए-आजम इमरान खान सत्ता पाने के लिए झटपटा रहे हैं। सत्ता पाने के लिए इमरान खान तरह–तरह के पैंतरे आजमा रहे हैं, लेकिन उनका दुर्भाग्य देखिए उनके हाथों कामयाबी तो दूर, बल्कि रत्ती भर भी कामयाबी नहीं मिल पा रही है। इसके उलट उनकी लुटिया ही डूब रही है। बीते दिनों उनकी संसद से सदस्यता भी निरस्त कर दी गई थी, जिसके बाद तो उनकी सियासी हालत ही पस्त हो गई, लेकिन अब उन्होंने प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होने के लिए किसी भी हद तक जाने का फैसला कर लिया है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

दरअसल, इमरान खान ने पाकिस्तान की मौजूदा हुकूमत शहबाज शरीफ के खिलाफ हकीकी आजादी मार्च निकालने का ऐलान किया है। इस मार्च का आगाज लाहौर से होगा और समापन राजधानी इस्लामबाद में। पीटीआई के मुताबिक, इस यात्रा का मकसद मौजूदा हुकूमत के खिलाफ विरोधी बयार बहाना है। इमरान खान ने खुद ही इस मार्च का ऐलान किया है। इसमें उनकी पार्टी के कई नेताओं के शामिल होने की खबर है। इमरान खान ने खुद वीडियो संदेश साझा कर लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।

उधर, पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने साफ कर दिया है कि अगर मार्च में शामिल कोई भी व्यक्ति असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गृह मंत्रालय के मुताबिक, सुरक्षा-व्यवस्था को दुरूस्त बनाने की दिशा में 13 हजार अफसरों की तैनाती की गई है, ताकि हर गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जाए। पुलिस ने भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर पीटीआई का कोई भी नेता किसी भी शरारती गतिविधियों में संलिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। हालांकि, पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने साफ कर दिया है कि उनके मार्च में शामिल होने वाला कोई भी नेता किसी भी असामाजिक गतिविधियों को अंजाम नहीं देगा, बल्कि शांतिपूर्वक इस मार्च में शामिल होगा। पाकिस्तानी मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, भारी संख्या में लोग इस मार्च में शामिल होंगे।

बता दें कि यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब इमरान खान मौजूदा हुकूमत के खिलाफ इस तरह का मार्च निकालने जा रहे हैं, बल्कि इससे पहले भी मई में इस तरह का मार्च निकाला जा चुका है। इमरान द्वारा इस तरह का मार्च निकालने के पीछे का मकसद मात्र इतना होता है कि मौजूदा हुकूमत के खिलाफ सियासी परिदृश्य को बनाया जा सकें। लेकिन अब वो अपनी इस कोशिश में कितना कामायब हो पाते हैं, यह तो फिलहाल वही बता पाएंगे।

वहीं, पीटीआई नेता महमूद खान ने कहा कि यह मार्च राजनीति या किसी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ नहीं है, बल्कि देश हित में है। हालांकि, अभी शहबाज या उनके किसी भी नेता की ओर इस पर कोई भी बयान सामने नहीं आया है। उधर, इमरान लगातार यह दावा कर रहे हैं कि उनका यह मार्च बिल्कुल ही शांतिपूर्ण होगा। अब इस पूरे प्रकरण में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि क्या इमरान खान इस मार्च के बहाने अपनी खोई हुई सियासी जमीन को पाने में सफल रहेंगे। यह देखने वाली बात होगी।

ध्यान रहे कि इससे पूर्व भी समय-समय पर इमरान खान शहबाज शरीफ पर निशाना साधते रहे हैं। इतना ही नहीं, कई बार तो उन्होंने शहबाज को घेरने के क्रम में भारत की तारीफ करने से भी गुरेज नहीं किया। बहरहाल, उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान की सियासी स्थिति आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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