नई दिल्ली। पीटीआई प्रमुख व पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में बड़ी राहत मिली है। दरअसल, इस्लामबाद हाईकोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश दे दिया है। इससे पहले उन्हें निचली अदालत की ओर से तीन साल की सजा सुनाई गई थी। इस फैसले को इमरान ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जहां से अब उन्हें बड़ी राहत मिल गई है, लेकिन उनकी सदस्यता बहाल नहीं की गई है। बता दें कि बीते दिनों पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने इमरान खान को तोशाखाना मामले में सजा सुनाए जाने के कारण उनके पांच साल के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। ऐसे में पाकिस्तानी सियासी गलियारों में चर्चा थी कि अगर इमरान को राहत मिलती है, तो शायद उनके चुनाव लड़ने पर लगी रोक को हटा दिया जाएगा, लेकिन अफसोस ऐसा हुआ नहीं, जिसकी वजह से इमरान रिहाई के बावजूद भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। ऐसे में पीटीआई को इमरान की रिहाई से सियासी मोर्चे पर किसी भी प्रकार का कोई फायदा नहीं पहुंचेगा।
Islamabad High Court (IHC) suspended Pakistan Tehreek-e-Insaf (PTI) Chairman Imran Khan’s sentence awarded to him in the Toshakhana case, reports Pakistan’s Geo News pic.twitter.com/g7NyO1aIw3
— ANI (@ANI) August 29, 2023
इस बीच इस्लामाबाद हाईकोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी जिक्र हुआ। दरअसल, इमरान की पैरवी कर रहे वकील ने राहुल गांधी का हवाला देते हुए कहा कि भारत में भी बीते दिनों राहुल को मोदी उपनाम प्रकरण में दो साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता निरस्त कर दी गई थी। हालांकि, निचली अदालत के फैसले के विरोध में राहुल ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई। इसके बाद उनकी संसद सदस्यता बहाल कर दी गई थी। लिहाजा अब राहुल भारत में होने जा रहे आगामी लोकसभा चुनाव में ताल ठोक सकेंगे। इमरान की पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि अगर राहुल की संसद सदस्यता बहाल की जा सकती है, तो इमरान की क्यों नहीं? लेकिन, आपको बता दें कि इमरान को बेशक रिहा करने का आदेश दे दिया गया हो, लेकिन वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
बता दें कि बीते दिनों इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने आशंका जताई थी कि उनके पति को जेल में मारा जा सकता है। बुशरा ने कहा था कि इमरान के खाने में जहर मिलाकर उन्हें मारने की कोशिश की जा सकती है। अब माना जा रहा है कि बुशरा बीबी की इन्हीं दलीलों को ध्यान में रखते हुए इमरान की रिहाई का आदेश दे दिया गया है। उधर, माना जा रहा है कि फैसला सुनाने वाले जज इमरान के करीबी हैं और वर्तमान में पाकिस्तानी सेना का भी इमरान के प्रति नरम रूख है। लिहाजा इन्हीं सभी वजहों ने इमरान की रिहाई का मार्ग प्रशस्त किया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इमरान सियासी मोर्चे पर क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। आइए , आगे तोशाखाना मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ध्य़ान दें, पाकिस्तानी राजनेताओं को विदेश दौर के दौरान प्राप्त होने वाले बेशकीमती तोहफों को तोशाखाना में रखने की रवायत है। इस बीच इमरान पर आरोप है कि उन्होंने इन तोहफों को ऊंचे दाम पर बेचकर इनसे प्राप्त होने वाले धन को अपने निजी उपभोग में इस्तेमाल किया जिसकी वजह से वर्तमान में इन्हें विधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन, इमरान अपने ऊपर लगे इन आरोपों को सिरे से खारिज कर इसे राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बता रहे हैं।