News Room Post

कश्मीर पर भ्रम फैलाने के लिए पाक ने लिया ब्रिटिश सांसदों का साथ, भारत के विरोध पर अब Britain को देनी पड़ी सफाई

India Kashmir: दरअसल दिन सांसदों ने कश्मीर(Kshmir) मुद्दे पर अपने भ्रामक विचार पेश किए थे, वे अक्सर संसदीय बहस से दूर ही रहते हैं। ऐसे में उनका कश्मीर के बारे में बोलना पाकिस्तान(Pakistan) की साजिश की आशंका को बल मिलता है।

pm modi imran khan boris

नई दिल्ली। पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिए हमेशा कोई न कोई चाल चलता रहता है। ऐसे में कश्मीर को अपनी जागीर समझने वाला पाक अब इसपर भ्रम फैलाने के लिए ब्रिटेन के सांसदों का साथ ले रहा है। ऐसे में जब भारत ने अपना विरोध जताया तो ब्रिटेन को इस मामले में सफाई देनी पड़ी। बता दें कि ब्रिटेन (Britain) की संसद में कश्मीर पर हुई बहस में कुछ सांसदों ने कश्मीर को लेकर गलत और भ्रामक तथ्य पेश किए, जो स्पष्ट तौर पर पाकिस्तान की साजिश की तरफ इशारा करते हैं। ऐसे में अब इन तथ्यों पर अपना विरोध दर्ज कराया है। जिसके बाद ब्रिटेन ने अपनी सफाई में कहा है कि ब्रिटेन के सांसदों के विचार उनके व्यक्तिगत विचार है, उनके द्वारा कश्मीर पर दिए गए विचार ब्रिटेन सरकार की सोच प्रदर्शित नहीं करते हैं। बता दें कि भारत की तरफ से ब्रिटेन सांसदों के विचारों पर कड़ा ऐतराज जताया था।

दरअसल दिन सांसदों ने कश्मीर मुद्दे पर अपने भ्रामक विचार पेश किए थे, वे अक्सर संसदीय बहस से दूर ही रहते हैं। ऐसे में उनका कश्मीर के बारे में बोलना पाकिस्तान की साजिश की आशंका को बल मिलता है। बुधवार को यह बहस ब्रिटेन (Britain) के हाउस ऑफ कॉमंस के वेस्टमिंस्टर हॉल में हुई थी। बहस का विषय था ‘कश्मीर में राजनीतिक हालात’। लंदन स्थित भारतीय दूतावास ने कहा है कि इस बहस का विषय ही भ्रम पैदा करने वाला है।

कश्मीर पर भ्रामक तथ्य पेश करने पर भारत की तरफ से आपत्ति जताते हुए भारतीय दूतावास ने कहा कि भारत के केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारे में सभी तरह की तथ्यात्मक जानकारियां जनता के सामने हैं। ये जानकारियां तिथिवार दर्ज होती हैं। इन जानकारियों की पड़ताल ना करके और अनदेखी कर किसी तीसरे देश द्वारा किए गए दुष्प्रचार पर विश्वास कर लेना और उसपर चर्चा करना गलत है। दूतावास ने अपने बयान में आगे कहा कि बहस में कश्मीर में नरसंहार, सरकारी हिंसा और उत्पीड़न पर चर्चा की गई, जो तथ्यों से परे है।

भारत की इस आपत्ति पर ब्रिटेन ने अपनी सफाई में कहा कि, सांसदों ने ब्रिटेन की संसद में कश्मीर पर जो कहा वो ब्रिटेन सरकार की सोच प्रदर्शित नहीं करते है। विदेश और राष्ट्रमंडल मामलों के मंत्री नीजेल एडम्स ने कहा, ‘यह कश्मीर को लेकर ब्रिटेन की यह सोच नहीं है। कश्मीर मसले पर ब्रिटेन भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की मंशा कतई नहीं रखता। हालांकि वह यह मानता है कि नियंत्रण रेखा के दोनों ओर मानवाधिकारों की स्थिति चिंता का विषय है’। उन्होंने आगे कहा कि ब्रिटिश सरकार की नीति कश्मीर को लेकर स्पष्ट, स्थिर और अपरिवर्तित है। ब्रिटेन ने फिर से साफ किया है कि कश्मीर खुद में द्विपक्षीय मसला है जिसे भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए।

Exit mobile version