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Geopolitical Changes In World: यूक्रेन-रूस और इजरायल-हमास जंग से बदली दुनिया की भू-राजनैतिक स्थिति!, ये दो अहम घटनाएं दे रहीं संकेत, भारत को रहना होगा सतर्क

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बीजिंग/वॉशिंगटन। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध और आतंकी संगठन हमास के खिलाफ इजरायल के जंग से दुनिया की भू-राजनैतिक स्थितियां बदलती दिख रही हैं। दो अहम घटनाएं इसका संकेत देती हैं। पहली घटना तो ये कि ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज चीन की यात्रा पर पहुंचने वाले हैं। दूसरी खबर ये कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी 26 अक्टूबर को अमेरिका जाएंगे और वहां जो बाइडेन सरकार के अहम सदस्यों और अफसरों से मुलाकात करेंगे। चीन ने हमास पर इजरायल के जंग के एलान के बाद चीन ने अपने 6 युद्धपोत खाड़ी देशों के करीब तैनात भी किए हैं। अल्बनीज और वांग यी के दौरों को अहम इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि चीन के खिलाफ जो क्वॉड समूह बना है, उसमें अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी हैं। वहीं, चीन इस क्वॉड समूह को अपने खिलाफ मानता है। चीन ये आरोप भी लगाता रहा है कि उसके खिलाफ क्वॉड के जरिए भारत को उकसाने का काम अमेरिका कर रहा है।

पीएम नरेंद्र मोदी और जो बाइडेन के साथ एंथनी अल्बनिस।

ऐसे में अल्बनीज की चीन यात्रा और वांग यी की अमेरिका यात्रा इसके संकेत दे रही है कि दुनिया में बड़े और ताकतवर देशों में काफी हलचल है। चीन पहले ही यूक्रेन के खिलाफ रूसी जंग में उसके पक्ष में बयान दे चुका है। फिलिस्तीन के पक्ष में भी चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बयान दिया है। वांग यी ने बयान में संतुलन बनाते हुए इजरायल के विदेश मंत्री से बातचीत में कहा कि उनके देश को अपनी रक्षा करने का अधिकार है, लेकिन आम लोगों की जिंदगी इस जंग में न जाए और वे तबाह न हों, ये भी देखना होगा। खास बात ये है कि इजरायल ने ईरान को भी चेतावनी दे रखी है। ईरान और चीन के बीच पुरानी करीबी है और इसी की वजह से शायद चीन ने अपने युद्धपोत खाड़ी में तैनात किए हैं। उधर, अमेरिका के 2 नौसैनिक बेड़े भी खाड़ी में तैनात हैं।

इजरायल-हमास की जंग के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी जा रहे अमेरिका।

तमाम लोग कयास लगा रहे हैं कि इजरायल और हमास की जंग अगर भड़की, तो ये तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकती है। ऐसा होने में संदेह है। इसकी वजह ये है कि फिलिस्तीन के पक्ष में जो भी इस्लामी देश खड़े हैं, उनमें से ईरान को छोड़कर बाकी देश अमेरिका के ही साथ रहते हैं और उससे हथियार और बाकी सुरक्षा की जरूरी चीजें लेते हैं। फिलिस्तीन के मसले पर ये अरब देश इजरायल से नाराज तो हैं, लेकिन इनमें से मिस्र और जॉर्डन जैसे देश संतुलित भाषा में बोल रहे हैं। बहरहाल, इन सभी बदलाव भरे हालात को देखते हुए भारत निश्चित तौर पर चौकन्ना हो गया होगा। क्योंकि कूटनीति कब क्या रुख अख्तियार कर ले, ये कोई भांप नहीं सकता।

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