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भारतीय कर रहे कनाडा में चीन के खिलाफ प्रदर्शन, विरोध में शामिल हुए कई और देशों के लोग

वॉशिंगटन। भारतवंशी अमेरिकियों ने रविवार को वॉशिंगटन में चीनी दूतावास के सामने प्रदर्शन किया। लोगों ने लद्दाख में एलएसी पार करने की चीन की कोशिशों पर नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, चीन एशिया में दादागिरी दिखाकर दबदबा कायम करने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में दुनिया के शक्तिशाली देशों को उसके साथ आर्थिक संबंध तोड़ लेना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने चीन पर संक्रमण फैलाने का भी आरोप लगाया।

लोगों ने चीन विरोधी पोस्टर बैनर लहराए और नारेबाजी की। संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रदर्शनकारी मास्क लगाकर पहुंचे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। इससे पहले 26 जून को भी अमेरिका के भारतीय लोगों ने शिकागो में प्रदर्शन किया था।

लद्दाख में चीन की हरकत की निंदा

प्रदर्शन में शामिल मनोज श्रीनिलयम ने कहा- हम बिना किसी उकसावे के चीन की ओर से लद्दाख के भारतीय जमीन पर कब्जा और भारतीयों की हत्या की निंदा करते हैं। चीन यह सब ऐसे वक्त में कर रहा है जब पूरी दुनिया महामारी से लड़ रही है। एक और प्रदर्शनकारी महिन्द्र सापा ने कहा- चीन पिछले कई दशकों से भारत और दूसरे छोटे देशों को परेशान कर रहा है। दक्षिण चीन सागर में वो छोटे देशों के द्वीप और जमीन हड़प रहा है। हम यहां पर चीन की हरकतों पर दुनिया का ध्यान दिलाने के लिए पहुंचे हैं।

प्रदर्शन में कई संगठनों के सदस्य शामिल हुए

प्रदर्शन में मेरीलैंड, वर्जीनिया और वॉशिंगटन डीसी समेत अमेरिका के कई शहरों में रहने वाले भारतीय शामिल हुए। इनमें केरल एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर वॉशिंगटन, तमिल कल्चर ग्रुप्स, इंडियन कल्चरल एसोसिएशन ऑफ हॉवार्ड काउंटी, नेशनल काउंसिल ऑफ एशियन इंडियन एसोसिएशन और विश्व हिंदू परिषद अमेरिका के सदस्य शामिल थे। हाल ही में गठित अपोज चाइनीज इंपीरियलिज्म (ओसीआई) के सदस्य भी विरोध करने पहुंचे।

कनाडा के टोरंटो में भी चीन का विरोध हुआ

कनाडा के टोरंटो स्थित चीनी दूतावास के बाहर रविवार को सैकड़ों लोगों ने चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया। लोगों ने चीन की सरकार के आदेश पर गिरफ्तार किए गए कनाडा के दो लोगों की रिहाई के लिए दुनिया के देशों से आगे आने की अपील की। प्रदर्शनकारियों ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से तिब्बत और हॉन्गकॉन्ग को आजाद करने की मांग की। इन लोगों ने लद्दाख में चीन की ओर से दिखाए जा रहे अड़ियल रवैये की भी आलोचना की। प्रदर्शनकारियों ने कनाडा सरकार से देश में चीन के उत्पादों का बायकॉट करने को कहा।

अमेरिका में भी चीनी दूतावास के सामने भारतीयों का प्रदर्शन

यहां कनाडा के टोरंटो में चाइनीज कॉन्सुलेट के बाहर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान यहां पर टोरंटो के स्थानीय लोग, ईरान के नागरिक, तिब्बत और वियतनाम के लोग मौजूद थे। साथ ही भारतीय समुदाय के लोग भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे।

आपको बता दें कि बॉर्डर पर विवाद और 20 जवानों की शहादत के बाद से ही भारतीय लोगों में चीन के खिलाफ गुस्सा बढ़ा है। भारत के अलग-अलग शहरों में भी चीन के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था, साथ ही चीनी सामान का बायकॉट करने की बात सामने आई थी। ऐसा ही अब अलग-अलग देशों में देखने को मिल रहा है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के कई शहरों में भारतीय समुदाय के लोग चीन के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं।

गौरतलब है कि सिर्फ भारत ही नहीं चीन के कई देशों के साथ संबंध खराब हैं। अगर टोरंटो के प्रदर्शन की बात करें तो हाल ही में ईरान-चीन के बीच डील हुई है, जिसका काफी लोग विरोध कर रहे हैं. यही कारण है कि यहां ईरानी लोग भी शामिल हुए। इसके अलावा वियतनाम और चीन की साउथ चाइना सी को लेकर पुरानी लड़ाई है, कनाडा इस वक्त कोरोना वायरस के कारण चीन से खफा है। यानी कई छोटे और बड़े देश अब खुले तौर पर चीन के खिलाफ बोल रहे हैं।

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