वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रक्षा विभाग पेंटागन दावा कर रहे हैं कि बी-2 बमवर्षक विमानों से ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों पर 30000 पाउंड के बम गिराकर उनको ध्वस्त कर दिया गया। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान के नतांज, फोर्डो और इस्फहान परमाणु संयंत्रों पर हमले के बारे में अमेरिका की ही एक खुफिया रिपोर्ट अलग बात कह रही है। अमेरिका की ये खुफिया रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका की बमबारी के बावजूद ईरान के तीनों परमाणु संयंत्रों को बहुत नुकसान नहीं पहुंचा है। खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता सिर्फ कुछ महीने पीछे हो गई है। इस बीच, डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ईरान पर हमले से संबंधित वीडियो जारी किया है।
खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान का संवर्धित यूरेनियम भंडार भी खत्म नहीं हुआ है। साथ ही इन परमाणु संयंत्रों में तमाम सेंट्रीफ्यूज काम करने की हालत में भी हैं। इससे पहले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को देखने वाले सरकारी विभाग ने भी दावा किया था कि अमेरिका की बमबारी के बावजूद देश के तीनों अहम परमाणु स्थलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। ईरान के इस विभाग ने दावा किया था कि फिर से परमाणु संबंधी कामकाज जल्दी ही होने लगेगा। वहीं, ये खबर भी आ चुकी है कि अमेरिका के हमले से पहले ही ईरान ने फोर्डो परमाणु संयंत्र से संवर्धित यूरेनियम और इसे बनाने की मशीनें हटा ली थीं। अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी कहा था कि उनको ये नहीं पता कि ईरान का संवर्धित यूरेनियम कहां है।
ईरान के पास 4000 किलोग्राम यूरेनियम था। ये यूरेनियम 60 फीसदी तक संवर्धित और 10 परमाणु हथियार बनाने लायक माना जाता है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने भी कहा है कि अमेरिका के हमलों के बाद ईरान के परमाणु संयंत्रों की जांच और उनकी निगरानी की जरूरत है। आईएईए के प्रमुख राफेल ग्रॉसी पहले ही ये कह चुके हैं कि उनको ये सबूत नहीं मिले कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। वहीं, इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतनयाहू का दावा है कि अमेरिका और उनके देश के हमलों से ईरान की परमाणु हथियार बनाने की योजना पूरी तरह नाकाम कर दी गई है। ऐसे में अब ये देखना बाकी है कि ईरान अगले कुछ महीनों में किस तरह के कदम उठाता है। इसी से पता चलेगा कि उसकी परमाणु क्षमता नष्ट होने के बारे में अमेरिका और इजरायल के दावों में कितना दम है।