नई दिल्ली। इराक की राजधानी बगदाद में स्थिति अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले के बाद अमेरिका ने बड़ी कार्रवाई की है। अमेरिका ने बगदाद एयरपोर्ट पर एक एयर स्ट्राइक की जिसमें ईरान समर्थित कुर्द बल के प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई। रिपोर्टों में कहा गया है कि सुलेमानी का काफिला बगदाद एयरपोर्ट की ओर बढ़ रहा था तभी एक रॉकेट हमले की जद में आ गया। हमले में ईरान समर्थित मिलिशिया पॉपुलर मोबलाइजेशन फोर्स के डिप्टी कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस की भी मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि हमले में कुल आठ लोगों की मौत हुई है। सुलेमानी पश्चिम एशिया में ईरानी गतिविधियों को चलाने के प्रमुख रणनीतिकार थे। सुलेमानी पर इजरायल में भी रॉकेट हमलों को अंजाम देने का आरोप था।
The White House: General Soleimani was actively developing plans to attack American diplomats and service members in Iraq and throughout the region. https://t.co/uBkwSfhscD
— ANI (@ANI) January 3, 2020
अमेरिका ने कम से कम तीन कत्यूषा मिसाइल दागे जिससे बगदाद हवाई अड्डे पर भीषण तबाही मची। हवाई अड्डे पर मौजूद ईरान और हिज्बुल्लाह की संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा। अमेरिका ने यह हमला खुफिया जानकारी मिलने के बाद किया। अमेरिका ने यह भी दावा किया कि मारा गया ईरानी कमांडर अमेरिकी नागरिकों पर हमले की साजिश रच रहा था।
इस बीच, पेंटागन ने कहा कि सुलेमानी को अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्देश पर मारा गया। बीबीसी ने पेंटागन के एक बयान के हवाले से कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्देश पर विदेश में रह रहे अमरीकी सैन्यकर्मियों की रक्षा के लिए कासिम सुलेमानी को मारने का कदम उठाया गया है।”
बयान में आगे कहा गया, “यह हवाई हमला भविष्य में ईरानी हमले की योजनाओं को रोकने के मकसद से किया गया। अमेरिका अपने नागरिकों की रक्षा के लिए, दुनियाभर में भी चाहे वे जहां भी हैं.. सभी आवश्यक कार्रवाई करना जारी रखेगा।”
ट्रंप ने की अमेरिकी झंडे की तस्वीर पोस्ट
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के बाद अपने ट्विटर अकाउंट पर अमेरिका का झंडा पोस्ट किया है। वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि कर दी है कि इस हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई है।
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 3, 2020
माना जा रहा है कि अमेरिकी एयर स्ट्राइक से मध्य पूर्व में एक नया मोड़ आ गया है, और ईरान और सैन्य बलों द्वारा इजरायल और अमेरिकी हितों के खिलाफ मध्य पूर्व में गंभीर जवाबी कार्रवाई करने की उम्मीद है।