इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान अजब दोराहे पर आ गए हैं। एक तरफ उनको कोर्ट से राहत मिल रही है, लेकिन दूसरी तरफ मुश्किलें भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सबसे बड़ी मुश्किल अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को बचाने की है। इमरान की पार्टी के नेता या तो जेल जा रहे हैं या पार्टी छोड़ रहे हैं। बीते दिनों खबर आई थी कि पाकिस्तान सरकार अब इमरान खान की पार्टी को बैन भी कर सकती है। बहरहाल, पहले इमरान खान को मिली ताजा राहत की बात कर लेते हैं। इमरान खान शुक्रवार को एक आतंकवाद निरोधक कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने लाहौर में कोर कमांडर के आवास समेत 3 मामलों में इमरान खान की जमानत 13 जून तक बढ़ा दी। इमरान खान ने कोर्ट को बताया कि उनकी जान को गंभीर खतरा है। वहीं, पीटीआई कार्यकर्ता जिल्ले शाह की हत्या के केस में भी लाहौर हाईकोर्ट ने इमरान की जमानत 6 जून तक बढ़ा दी।
दूसरी तरफ, इमरान की पार्टी के बड़े नेता और पंजाब प्रांत के पूर्व सीएम उस्मान बुजदार ने भी इमरान की पार्टी पीटीआई को छोड़ने का एलान किया है। बुजदार ने मीडिया से कहा कि वो 9 मई को पाकिस्तान में हुई हिंसा की निंदा करते हैं। सैन्य प्रतिष्ठान देश की संपत्ति होते हैं। बुजदार ने कहा कि वो हमेशा पाकिस्तान की सेना के साथ खड़े रहे हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखकर ही उन्होंने सियासत से तौबा करने का फैसला किया है।
उधर, इमरान खान को शुक्रवार को तब और झटका लगा, जब उनकी पार्टी के अध्यक्ष परवेज इलाही को एक बार फिर गिरफ्तार किया गया। परवेज इलाही को एक कोर्ट ने गबन के मामले में रिहा किया था। रिहा होते ही परवेज को पुलिस ने गुजरांवाला में एक और भ्रष्टाचार के केस में गिरफ्तार किया। इमरान खान की पार्टी के तमाम बड़े नेता 9 मई को हुई हिंसा के बाद से गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इमरान खान को भी पाकिस्तानी रेंजर्स ने गिरफ्तार किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनको जमानत दे दी थी। जिसे लेकर पाकिस्तान की सरकार और सुप्रीम कोर्ट में भी ठनी थी।