नई दिल्ली।पूरी दुनिया में पहले ही कोरोना वायरस और उसके नए वैरिएंट लाखों लोगों की जान ले चुके हैं। आज भी दुनियाभर में ओमिक्रॉन के मरीज देखे जा रहे हैं। पूरी दुनिया वायरस से लड़ने की कोशिश कर रही है लेकिन दूसरी तरफ अमेरिका की एक लैब में कोरोना और ओमिक्रॉन से घातक वायरस ओमिक्रॉन S वायरस तैयार किया गया है जिसकी मृत्यु दर 80 फीसदी है। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जिन 100 चूहों पर इस वायरस का परीक्षण किया गया, उसमें से 80 चूहों ने अपनी गवां दी। ये नया खतरनाक वायरस तेजी से शरीर में घातक बीमारियां पैदा करने की क्षमता रखता है।
5 गुना ज्यादा घातक है ओमिक्रॉन S वायरस
अमेरिका के बॉस्टन विश्वविद्यालय में कोविड 19 का घातक रूप ओमिक्रॉन S वायरस तैयार किया गया। इसे ओमिक्रॉन वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन और चीन के पहले कोविड 19 वायरस के स्ट्रेन को मिलाकर बनाया गया है। ये वायरस कोविड -19 के पहले वायरस और ओमिक्रॉन से 5 गुना ज्यादा खतरनाक है। वायरस तैयार होने के बाद इसका परीक्षण चूहों पर किया गया। जिन चूहों पर ओमिक्रॉन वायरस का परीक्षण किया गया। उनमें से किसी भी चूहे की मौत नहीं हुईं लेकिन हल्के लक्षण देखे गए लेकिन जिस पर खतरनाक वायरस ओमिक्रॉन S वायरस का परीक्षण किया गया, उनमें से 80 चूहों की मौत हो गई। 80 चूहों के शरीर में घातक बीमारियों के पाया गया।
रिसर्च का शुरू हुआ विरोध
हालांकि इस रिसर्च का विरोध शुरू हो गया है। वैज्ञानिकों और पत्रकारों का कहना है कि आग से खेलने वाले काम क्यों किए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि कोविड 19 वायरस को भी चीन की लैब लोगों की जान लेने के लिए तैयार किया गया था। इजरायली सरकार के वैज्ञानिक प्रोफेसर शमूएल शापिरा ने कहा कि पहले तो लोगों का कहना है कोविड-19 चीन की लैब में तैयार किया गया है लेकिन जो काम अमेरिका में किया गया है, वो क्या है। क्यों आग से खेलने की कोशिश की जा रही है। ऐसे शोध पर बैन लगा देने चाहिए।