News Room Post

Khawaja Asif On Ceasefire With India: ‘सीजफायर पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी’ पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कश्मीर को बड़े मुद्दों में बताया पहला

Khawaja Asif On Ceasefire With India: भारत ने पाकिस्तान से संघर्ष रोकने की सहमति के बावजूद सिंधु जल समझौता को स्थगित ही रखा है। साथ ही भारत का साफ स्टैंड है कि पूरा जम्मू-कश्मीर उसका है। भारत हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर कहता रहा है कि पाकिस्तान को पीओके पर अपना अवैध कब्जा खाली करना होगा। भारत में संसद भी पीओके को हासिल करने के बारे में सर्वसम्मत प्रस्ताव तक पास कर चुकी है।

इस्लामाबाद। भारत के साथ संघर्ष विराम पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का अहम बयान आया है। ख्वाजा आसिफ ने रविवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि अगर ये सीजफायर स्थायी शांति की तरफ पहला कदम साबित होता है, तो सकारात्मक संकेत होगा। साथ ही ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। ख्वाजा आसिफ न आशा जताई कि वक्त के साथ शांति की संभावना बन सकती है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि उनको उम्मीद है कि भारत और उसका नेतृत्व एक दिन दक्षिण एशिया के भविष्य को अपने दल के हित से ऊपर रखेगा।

ख्वाजा आसिफ ने बातचीत में साफ कह दिया कि पाकिस्तान कश्मीर का मसला नहीं छोड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि अगर आगे चलकर भारत से बातचीत होगी, तो उसमें कश्मीर, सिंधु जल समझौता और आतंकवाद के बड़े मुद्दे उठ सकते हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इन तीनों को सबसे अहम मुद्दा बताया। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान सीजफायर पर कायम रहेगा। ख्वाजा आसिफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के वक्त युद्ध करने जैसे बयान दिए थे। अब भारत और पाकिस्तान में संघर्ष रोकने की सहमति के बाद उन्होंने साफ कर दिया है कि उनका देश किस राह पर चलने वाला है।

भारत ने पाकिस्तान से संघर्ष रोकने की सहमति के बावजूद सिंधु जल समझौता को स्थगित ही रखा है। साथ ही भारत का साफ स्टैंड है कि पूरा जम्मू-कश्मीर उसका है। भारत हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर कहता रहा है कि पाकिस्तान को पीओके पर अपना अवैध कब्जा खाली करना होगा। भारत में संसद भी पीओके को हासिल करने के बारे में सर्वसम्मत प्रस्ताव तक पास कर चुकी है। ऐसे में ख्वाजा आसिफ ने जिस तरह तीन मुद्दों में से सबसे पहला मुद्दा कश्मीर को रखा, उससे स्पष्ट हो जाता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हमेशा के लिए शांति स्थापित होना फिलहाल दूर की कौड़ी है।

Exit mobile version