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चीन की गुलामी और कश्मीर का प्रेम पाकिस्तान के लिए हुआ घातक, नाराज हुआ सऊदी अरब

Imran Khan

नई दिल्ली। भारत से टक्कर लेने के चक्कर में पाकिस्तान चीन की इस कदर गुलामी कर रहा है कि वो अपने पुराने मालिकों को भी नाराज कर दे रहा है। दरअसल कश्मीर का प्रेम और चीन के लिए स्वामी भाव पाकिस्तान के लिए नुकसानदायक साबित हुआ है। उसके इस व्यवहार से सऊदी अरब नाराज हो गया है। हालत ये हो गई है कि, चीन और सऊदी अरब को खुश करने के चक्कर में सऊदी अरब से उसके रिश्ते खराब होने शुरू हो गए हैं।

इसका सबसे ताजा उदाहरण देखने को मिला बुधवार को जब पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर मुद्दे को लेकर सऊदी अरब के नेतृत्‍व वाले ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्‍लामिक कंट्रीज (OIC) को धमकी दी। उन्होंने कहा कि कि मैं ओआईसी से कहना चाहता हूं कि विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक हमारी अपेक्षा है। अगर आप इसे बुला नहीं सकते, तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से यह कहने के लिए बाध्‍य हो जाऊंगा कि वह ऐसे दूसरे इस्‍लामिक देशों की बैठक बुलाएं, जो कश्‍मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े हैं।’

दरअसल, पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित करना चाहता है और इसके लिए बार-बार अनुरोध कर चुका है, लेकिन इस्लामी सहयोग संगठन इस तरह के किसी सम्मेलन के लिए तैयार नहीं है। यही बात पाकिस्तान को परेशान कर रही है। कुरैशी का इस तरह को धमकाना साफ करता है कि सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान के रिश्ते खराब हो चुके हैं।

पाकिस्तान सऊदी अरब से भी कर्ज लेता रहा है। उसने अक्टूबर 2018 में रियाद से $3 बिलियन का कर्ज लिया था। कुछ वक्त पहले पाकिस्तान मीडिया ने यह बताया कि इस्लामाबाद ने सऊदी को $1 बिलियन का भुगतान कर दिया है, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि इसके लिए सऊदी अरब की तरफ से बार-बार दबाव बनाया गया। पाकिस्तान लंबे समय तक कर्ज चुकाने से बचता रहा, लेकिन जब सऊदी अरब ने कड़ा रुख अपनाया तो उसे अदायगी का फैसला लेना पड़ा। हालांकि, यह बात अलग है कि इस अदायगी के लिए भी पाकिस्तान ने चीन से सहायता ली।

इमरान खान जब से सत्ता में आये हैं, उनकी सूई कश्मीर पर ही अटक गई है। वह हर मौके पर कश्मीर को मुद्दा बनाना चाहते हैं। अपनी इसी चाहत में वह सऊदी अरब को दुश्मन बना बैठे हैं। खान लगातार इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) पर दबाव डालते रहे हैं कि वो कश्मीर पर उसकी इच्छा के अनुसार काम करे, लेकिन सऊदी अरब इसके लिए तैयार नहीं है। वह साफ कर चुका है कि कश्मीर को लेकर भारत से सवाल नहीं करेगा।

फरवरी में इमरान खान ने OIC से विदेशमंत्रियों की बैठक बुलाने को कहा था, जब उसने इंकार कर दिया तो इमरान मलेशिया के पास पहुंच गए। उन्होंने कहा कि ओआईसी कश्मीर पर एक साथ नहीं आ सकता, हम विभाजित हैं, हमारी अपनी कोई आवाज नहीं है। इमरान का इस तरह कटाक्ष करना सऊदी अरब को नागवार गुजरा और दोनों देशों के बीच बात बिगड़ती चली गई। अब पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने सऊदी को एक तरह से धमकी ही दे डाली है।

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