नई दिल्ली। दुनिया में जारी कोरोना के कहर के बीच रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बना लेने का ऐलान कर दिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को घोषणा की और कहा, ”हमने कोरोना की सुरक्षित वैक्सीन बना ली है और देश में रजिस्टर्ड भी करा लिया है। मैंने अपनी दो बेटियों में एक बेटी को पहली वैक्सीन लगवाई है और वह अच्छा महसूस कर रही है।” हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने इसे खतरनाक बताया है।
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि उसके पास अभी तक रूस के जरिए विकसित किए जा रहे कोरोना वैक्सीन के बारे में जानकारी नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने रूस को वैक्सीन के मामले में जल्दबाजी न दिखाने के लिए कहा है और उसके इस रवैये को खतरनाक भी बताया है।
उधर, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि रूस ने उनके साथ वैक्सीन और टेस्टिंग की प्रक्रिया से जुड़ी कोई जानकारी साझा ही नहीं की है। WHO को इस वैक्सीन के तीसरे चरण की टेस्टिंग को लेकर संशय है। संगठन के प्रवक्ता क्रिस्टियन लिंडमियर ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि अगर किसी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किए बगैर ही उसके उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, तो इसे खतरनाक मानना ही पड़ेगा।
बता दें कि रूस ने वैक्सीन का नाम अपने पहले सैटेलाइट ‘स्पुतनिक V’ के नाम पर रखा है। रूसी स्वायत्त धन निधि के प्रमुख का कहना है कि इस वैक्सीन के लिए 1 अरब डोज के लिए उन्हें 20 से अधिक देशों से निवेदन मिल चुका है।