तेल अवीव। ईरान और इजरायल में जंग जारी है। इजरायल का आरोप है कि ईरान परमाणु बम बनाने के करीब था। वहीं, ईरान का आरोप है कि अमेरिका से परमाणु मसले पर बातचीत को पटरी से उतारने के लिए इजरायल ने उस पर हमला किया। इस बीच, द यरुशलम पोस्ट अखबार ने एक अमेरिकी अफसर के हवाले से दावा किया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को परमाणु मसले पर समझौता करने के लिए एक और मौका दे सकते हैं। इस अमेरिकी अधिकारी के हवाले से अखबार ने कहा कि ईरान को 20 दिन पहले अमेरिका ने जो प्रस्ताव दिया था, इस बार उससे थोड़ा बेहतर प्रस्ताव दिया जा सकता है। बदले में ईरान को परमाणु ईंधन संवर्धन का काम पूरी तरह रोकना होगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार ये कहते रहे हैं कि किसी सूरत में ईरान के पास परमाणु बम मंजूर नहीं है। यही बात इजरायल भी कह रहा है। ट्रंप और इजरायल को अपनी इस बात पर जी-7 देशों के समर्थन से और बल मिला है। जी-7 देशों ने साझा बयान जारी कर कहा है कि मध्य-पूर्व में हालात बिगाड़ने का जिम्मेदार ईरान ही है। जी-7 देशों ने भी साफ कर दिया है कि ईरान के पास परमाणु हथियार संगठन के सदस्य देशों को मंजूर नहीं है। अब देखना ये है कि ट्रंप की तरफ से ईरान को कैसा प्रस्ताव दिया जाता है और ईरान इसके बाद परमाणु कार्यक्रम को बंद करने पर राजी होता है या नहीं। ईरान लगातार कहता रहा है कि वो परमाणु हथियार नहीं बनाना चाहता। ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यों के लिए है।
दरअसल, अमेरिका को डर है कि ईरान अगर परमाणु हथियार विकसित कर लेता है, तो ये दुनिया के तमाम आतंकी संगठनों के हाथ लग सकते हैं। वहीं, इजरायल का कहना है कि ईरान के हाथ परमाणु हथियार आ गया, तो उसका अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। मुस्लिम देशों में फिलहाल पाकिस्तान के पास ही परमाणु हथियार हैं। हालांकि, पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान पर ईरान और उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार बनाने की तकनीक बेचने का आरोप लगा था। जिसके बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने अब्दुल कदीर खान को नजरबंद कर दिया था।