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Tiananmen Square Protest: तियानमेन चौक नरसंहार की 34वीं बरसी आज, जब चीन ने हजारों छात्रों पर चढ़वा दिया था टैंक

नई दिल्ली। हर देश का कोई ना कोई एक ऐसा इतिहास जरूर होता है, जिसे हमेशा याद रखा जाता है। दुनिया के किसी देश में जब सेना के ओर से दमन चक्र चलता है और उसमें सैकड़ों से हजारों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है तो उस घटना को इतिहास में शासन के अत्याचार के तौर पर याद किया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि ये सब हम आपको क्यों बता रहे हैं तो ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसी ही एक घटना चीन की भी है जिसे तियानमेन चौक नरसंहार के रूप में जाना जाता है। यह घटना 4 जून 1989 को हुआ था जिसे जून चौथा के नाम से भी जाना जाता है।

आज से 34 साल पहले घटित हुई घटना

आज से 34 साल पहले चीन के इतिहास का वो काला सच जब हजारों निहत्थे छात्रों के आंदोलन को कुचलने के लिए उनके ऊपर टैंक चढ़वा कर उन्हें मार दिया गया था। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इशारे पर पीएलए की इस कार्रवाई ने 10 हजार से ज्यादा छात्रों को मौत के घाट उतार दिया था। कहा जाता है कि ये छात्र पेइचिंग के तियानमेन चौक पर साल 1989 को जून की चौथी तारीख में लोकतंत्र बहाली के समर्थन में इकट्ठा हुए थे। आज से 5 साल पहले सार्वजनिक हुए ब्रिटिश खुफिया राजनयिक दस्तावेज में इस घटना के पल-पल के बारे में जानकारी दी गई है।

दुनिया में शहीदों को दी जाती है श्रद्धांजलि

दरअसल, चीन में मीडिया के ऊपर लगे कड़े सेंसरशिप के कारण आज भी उस घटना से जुड़े कई अहम जानकारियां अभी तक उपलब्ध नहीं हैं लेकिन चीन की सरकारी मीडिया कम्युनिस्ट पार्टी के आदेश पर केवल उन बातों का ही जिक्र करती हैं जो उनके अपने फायदे में होती हैं। आज के दिन चीन ही नहीं, बल्कि अमेरिका, हॉन्ग कॉन्ग, ताइवान समेत पूरी दुनिया में शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है।

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