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व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले ट्रंप करने वाले हैं चीन का ‘इंतजाम’, बड़ा एक्शन लेने की तैयारी

Biden Jinping trump

नई दिल्ली। अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन को जीत भले ही मिल गई हो लेकिन जबतक उनके हाथों में सत्ता की डोर आएगी तबतक वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन को लेकर बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में नजर आ रहे हैं। बता दें कि व्हाइट हाउस छोड़ने के लिए ट्रंप अभी पूरा समय लेंगे और वो चीन को लेकर खास इंतजाम करने की फिराक में भी हैं। गौरतलब है कि एक रिपोर्ट के आधार पर कहा जा रहा है कि ट्रंप व्हाइट हाउस में आखिरी महीना बिताने वाले हैं क्योंकि 20 जनवरी को बाइडन शपथ ले लेंगे और फिर उन्हें यहां से जाना ही होगा। ऐसे ट्रंप चीन (China) के खिलाफ एक बड़ा एक्शन लेने कि तैयारी में हैं। ट्रंप चीन को लेकर कुछ ऐसा कदम उठाएंगे जिससे बाइडन को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल ट्रंप कई मंच पर कोरोना को लेकर बार-बार कोरोना के प्रसार के लिए चीन को दोषी ठहरा चुके हैं।

ट्रंप का स्पष्ट मानना है कि बीजिंग की गलती के चलते अमेरिका कोरोना के जाल में फंसा और उसे भारी आर्थिक घाटा झेलना पड़ रहा है। जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के सीनियर फेलो जेम्स ग्रीन के मुताबिक 20 जनवरी को राष्ट्रपति बनते ही अमेरिका की विदेश नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। ट्रंप को आशंका है कि बाइडेन सत्ता पाने के बाद चीन और ईरान पर नरमी बरत सकते हैं। ऐसे में ट्रंप द्वारा बनाया गया माहौल खराब हो सकता है।

इसके अलावा सऊदी के क्राउन प्रिंस बिन सलमान, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन और नॉर्थ कोरिया के तानशाह किम जोंग उन के खिलाफ फैसले लिए जा सकते हैं। इसको लेकर माना जा रहा है कि, कोरोना महामारी और शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार को बहाना बनाकर ट्रंप अपनी सत्ता के अपने आखिरी महीने में ऐसा कोई फैसला ले सकते हैं जिससे चीन-अमेरिका युद्ध की कगार पर आ जाएं। इसमें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े लोगों पर वीजा प्रतिबंध और अमेरिकी एथलीट्स को बीजिंग ओलंपिक 2022 में खेलने से मन करने का आदेश देना भी शामिल है।

ऐसा हुआ तो चीन के भीतर आक्रोश होगा और सत्ता के शुरुआत में ही बाइडेन को इससे जूझना होगा। हालांकि अमेरिका और चीन के बीच जिस तरह से रिश्ते तनावयुक्त हैं, ऐसे में अगर बाइडेन नर्म पड़ते हैं तो अमेरिका की जनता के बीच बाइडन को लेकर गलत संदेश जाएगा। फिलहाल विशेषज्ञों का मानना है कि बाइडेन के आने से चीन को लेकर अमेरिका की सोच में कोई खास बदलाव नहीं आयेगा। वहीं बाइडन भी लगातार अपनी सभाओं में चीन को लेकर कड़ी भाषा का प्रयोग कर रहे थे। अमेरिका लगातार यूनाइटेड नेशंस पर चीन में उइगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों के मद्देनज़र चीन के खिलाफ एक्शन लेने के लिए मजबूर करता रहा है। अब ट्रंप इसी बहाने से चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं।

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