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ट्रंप ने चीन को दिया फिर एक बार झटका, इस पर बातचीत नहीं करने से ड्रैगन की बढ़ जाएगी मुसीबत

Trump jinping

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच चीन और अमेरिका की तकरार खुलकर सामने आ गई है। दोनों के बीच रिश्ते तल्ख होते जा रहे हैं। कोरोना वायरस से अमेरिका पूरी तरह से हिल गया हैं, वहां मरने वालों की संख्या 80 हजार से अधिक हो गई है। दरअसल अमेरिका का मानना है कि कोरोना वायरस के पीछे चीन का हाथ है, जिसे चीन नकारता आया है।

दोनों देशों की तकरार का असर उनके अब व्यापारिक संबंधों पर दिखने लगा है। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि चीन के साथ व्यापार समझौते पर फिर से बातचीत शुरू करने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। इससे एक दिन पहले अमेरिका ने बीजिंग को व्यापार युद्ध खत्म करने के लिए इस साल की शुरुआत में हुए समझौते का सम्मान नहीं करने पर बेहद गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। ट्रंप का बयान हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की उस रिपोर्ट के संदर्भ में आया, जिसमें कहा गया था कि चीन व्यापार समझौते पर फिर से बातचीत करना चाहता है, ताकि इसे बीजिंग के अधिक अनुकूल बनाया जा सके।

इस बारे में जब डोनाल्ड ट्रंप से सवाल किया गया तो उन्होंने साफ मना कर दिया और कहा कि, नहीं। कभी भी नहीं। कुछ हद तक भी नहीं। नहीं, मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है। हमने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस बारे में मैंने भी सुना है। वे अपने लिए एक बेहतर समझौता बनाने के लिए व्यापार वार्ता को फिर से खोलना चाहते हैं।

ट्रंप ने यहां तक कहा कि, चीन कई दशकों से अमेरिका का फायदा उठा रहा था, क्योंकि उनके पूर्ववर्तियों ने ऐसा होने दिया। उन्होंने कहा कि नहीं, मुझे इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। देखते हैं कि उन्होंने जिस समझौते पर दस्तखत किए हैं, वे उसका पालन करते हैं या नहीं।

आपको बता दें कि चीन की हरकतों पर गुस्साए ट्रंप इससे पहले भी कह चुके हैं कि अगर चीन ने समझौते का सम्मान नहीं किया और कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इसके प्रावधानों का पालन नहीं किया, तो वे इसे रद्द कर देंगे। अमेरिका और चीन के बीच जनवरी में हुए इस समझौते के तहत बीजिंग ने 2020-21 में कम से कम 200 अरब डॉलर से अधिक के अमेरिकी उत्पादों और सेवाओं की खरीद करने पर सहमति जताई थी।

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