मॉस्को। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के द्वारा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ निकाले गए अरेस्ट वारंट पर चीन भड़क उठा है। चीन की बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर महत्वपूर्ण स्थान रखता है ऐसे में उसकी राय मायने रखती है। लंबे समय से यूक्रेन में कत्लेआम के आरोपों पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट इश्यू किया था। बता दें कि इस बारे में चीनी सरकार की ओर से एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि आईसीसी डबल स्टैंडर्ड है और पुतिन को लेकर उसका रुख सही नहीं है। आईसीसी की आलोचना करते हुए चीन ने उसे दोहरे मापदंड से बचने और देश के प्रति प्रतिरक्षा की भावना का सम्मान करने की हिदायत दी।
अभी कुछ दिनों पहले ही आईसीसी ने पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था। आईसीसी के इस फैसले का यूक्रेन, पश्चिमी देश और अमेरिका ने सराहना की है। वहीं, रूस ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसे ‘टॉयलेट पेपर’ कहा था। यह भी कहा कि रूस इस फैसले को नहीं मानता क्योंकि वह आईसीसी के मेंबर के तौर पर उसमें शामिल नहीं है।
गौरतलब है कि लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति चुने गए शी जिनपिंग इस हफ्ते रूस दौरे पर जाने को तैयार हैं। इससे ठीक पहले व्लादिमीर पुतिन को लेकर चीन का यह बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण है। एक तरह से चीन कम्युनिस्ट रूस पर अपनी दोस्ती की धाक जमाना चाहता है। शी जिनपिंग के रूस दौरे से ठीक पहले पुतिन के समर्थन में चीन का बयान उसकी कूटनीति का हिस्सा है। चीन कह चुका है कि वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में मध्यस्थता करते हुए जंग को समाप्त करने की पहल करने की हिमायत करता है। चीन मानता है कि वह ही रूस और यूक्रेन के बीच जंग को समाप्त करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।