इस्लामाबाद। पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बड़ी राहत देते हुए 3 अरब डॉलर का कर्ज देने का फैसला किया है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ इसे बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं। वजह साफ है। पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार बहुत कम बचा था और इस वजह से उसके लिए कंगाल होने का खतरा था। हालांकि, पाकिस्तान को आईएमएफ से मिलने जा रहे 3 अरब डॉलर से उसका ज्यादा भला होने वाला नहीं है। पाकिस्तान पर अभी 22 अरब डॉलर का कर्ज है। पाकिस्तान को इसे 2024 में चुकाना है। इसके अलावा सऊदी अरब, यूएई और चीन ने भी पाकिस्तान को कर्ज दे रखा है। ये देश भी लगातार कर्ज वापसी के लिए पाकिस्तान से तगादा करते रहे हैं।
पाकिस्तान के पास अभी 35 लाख डॉलर अपने विदेशी मुद्रा कोष में बचे हैं। इनसे महज 1 हफ्ते का उसका काम चल सकता है। ऐसे में आईएमएफ ने जो 3 अरब डॉलर देने की बात कही है, वो पाकिस्तान को जल्दी मिलनी भी जरूरी है। अगर विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने से पहले ये रकम न मिली, तो पाकिस्तान को बड़ी मुश्किल का सामना करना होगा। वहीं, 3 अरब डॉलर का कर्ज देने के लिए आईएमएफ ने तमाम शर्तें भी लगाई हैं। इनको शहबाज शरीफ सरकार को पूरा करना पड़ेगा। इन शर्तों को पूरा करने की वजह से पाकिस्तान की जनता को चरम महंगाई का सामना भी करना पड़ सकता है। आईएमएफ की शर्त के मुताबिक पाकिस्तान ने पहले ही बिजली की दरों में काफी इजाफा किया है।
पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजें लगातार महंगी हो रही हैं। महंगाई की दर पाकिस्तान में 30 फीसदी से भी ऊपर है। आटा जैसी जरूरी चीज अब भी मिलने में दिक्कत है। खास बात ये है कि पाकिस्तान के लोग अब भारत की तारीफ कर रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान और भारत एक साथ आजाद हुए, लेकिन आज भारत में हर तरफ खुशहाली है। जबकि, पाकिस्तान लगातार अजाब में डूबता जा रहा है।