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Xi Jinping: चीन के सबसे ताकतवर नेता बने शी जिनपिंग, विरोधियों को ठिकाने लगा तीसरी बार राष्ट्रपति समेत अहम पदों पर हुए काबिज

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बीजिंग। शी जिनपिंग एक बार फिर चीन के सुप्रीम लीडर चुन लिए गए हैं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सालाना बैठक में सभी ने एक सुर में जिनपिंग की कमान में आस्था जताई। एक हफ्ते तक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक चली। इस बैठक में जिनपिंग ने अपने सभी विरोधियों को भी किनारे लगा दिया। ली केकियांग अब चीन के पीएम नहीं रहे हैं। वो जिनपिंग विरोधी माने जाते हैं। जिनपिंग अब अगले 5 साल के लिए चीन के राष्ट्रपति और कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव का पद संभालेंगे। वो ताकतवर मिलिट्री कमीशन के भी चेयरमैन बने रहेंगे। यानी चीन की सेना भी उनके निर्देश पर काम करेगी।

तीसरी बार रिकॉर्ड बनाकर शी जिनपिंग ने सभी नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। उनसे पहले सिर्फ माओत्से तुंग और डेंग श्याओपिंग ही ऐसी स्थिति में रहे हैं। चीन में सिर्फ कम्युनिस्ट पार्टी का ही राज है। जाहिर है, ताजा फैसले से जिनपिंग विरोधियों को तगड़ा झटका लगा है। साथ ही चीन की सरकार की तरफ से भारत और ताइवान सरीखे देशों के खिलाफ सैन्य हमले की आशंका भी बढ़ गई है। तीसरी बार सबसे बड़ा नेता चुने जाने के बाद जिनपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी सदस्यों से कहा कि आपने मुझपर जो भरोसा किया है, उसके लिए मैं ईमानदारी से पूरी पार्टी को धन्यवाद देता हूं।

इससे पहले शनिवार को कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं बैठक में तब लोग ये देखकर अचरज में पड़ गए थे कि पूर्व राष्ट्रपति हू चिंताओ को जबरन वहां से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा था। चिंताओ की कुर्सी शी जिनपिंग के ठीक बगल में थी। इसका वीडियो भी सामने आया था। दो लोग इस वीडियो में दिखे थे, जो चिंताओ को हाथ पकड़कर उनकी कुर्सी से उठा देते हैं। हॉल से निकलते वक्त चिंताओ कुछ बात जिनपिंग से कहते दिखते हैं। इसके बाद वो ली केकियांग के कंधे पर हाथ रखकर कुछ कहते हैं। ये पूरा नजारा अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने ही देखा गया।

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