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कोरोना संकट के बीच जगी उम्मीद, साल के अंत तक भारत में आ सकती है वैक्सीन!

Oxford University Corona Vaccine

नई दिल्ली। कोरोनावायरस से पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है, हर रोज मरीजों की संख्या और इससे मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अभी तक इस वायरस से बचाव के लिए कोई वैक्सीन नही बन पाई है। हालांकि इसके वैक्सीन के बनने को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है।

वैक्सीन बनाने को लेकर कई देश इसपर काम कर रहे हैं, माना जा रहा है कि साल के अंत तक भारत को भी कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन मिल सकती है। दरअसल विश्व प्रसिद्ध वैक्सीनोलॉजिस्ट और प्रोफेसर एड्रियन हिल का दावा है कि सितंबर तक दुनिया में पहली वैक्सीन आ जाएगी, जो कोरोना को मात देने में मदद करेगी। प्रोफेसर हिल का कहना है कि अगर ट्रायल पूरी तरह से ठीक गया और सबकुछ सही रहा तो सितंबर के बाद इस दवाई की सप्लाई शुरू होगी। भारत में भी ये दवाई साल के अंत तक आ सकती है।

बता दें कि ब्रिटेन की ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी में भी इसका ट्रायल शुरू हो रहा है। वैक्सीन बनाने को लेकर बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे एड्रियन हिल ने बताया कि अभी कई वैक्सीन ट्रायल के रूटीन में हैं, ऑक्सफॉर्ड में भी ऐसी ही एक वैक्सीन पर काम चल रहा है। हमें उम्मीद है कि इस ट्रायल में हम सफल होंगे, जिसके बाद हमारा फोकस अधिक से अधिक वैक्सीन बनाने पर होगा।

प्रोफेसर एड्रियन हिल के मुताबिक, ट्रायल के दौरान जो संकेत मिल रहे हैं उसके हिसाब से कोरोनावायरस के खिलाफ सिर्फ एक डोज़ काम कर पाएगी। इस वैक्सीन को बनाने में भारतीय प्रोफेसर की तरफ से मदद की जा रही है। इसको लेकर ब्रिटिश प्रोफेसर का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में जो हमारी मदद कर रहे हैं उनमें भारतीय प्रोफेसर भी शामिल हैं। हिल के मुताबिक, जिस वैक्सीन को तैयार किया जा रहा है उसके सफल होने की उम्मीद है लेकिन इसके लिए इम्युन सिस्टम मजबूत होना चाहिए, इसी दम पर ये जल्द से जल्द अच्छा काम कर सकती है।

आदर पूनावाला जो इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, उनका कहना है कि, दो हफ्ते के बाद हम एक महीने में 5 मिलियन डोज़ बनाने में कामयाब होंगे, जिसके बाद इसकी रफ्तार एक महीने में 10 मिलियन डोज़ तक पहुंचा पाएंगे। इस प्रोजेक्ट के साथ हमें लगातार कई लोगों का साथ मिल रहा है और दुनियाभर से लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं। आदर पूनावाला का कहना है कि अगर सभी टेस्ट और बाकी ट्रायल पूरी तरह से ठीक होते हैं तो इस साल के अंत तक हमें दवाइयां मिल सकती हैं।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस की महामारी ने दुनियाभर में अबतक 25 लाख से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है, जबकि 1 लाख 80 हजार से अधिक लोग अबतक मर चुके हैं। ऐसे में हर बड़ी महाशक्ति की यही कोशिश है कि इसको लेकर जल्द से जल्द वैक्सीन तैयार की जाए।

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