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गृह मंत्रालय का निर्देश- लॉकडाउन के दौरान किसी भी गार्ड का ना तो वेतन काटे और ना ही नौकरी से निकालें

सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री, सीआईआई, फिक्की, एसोचैम तथा अन्य को लिखे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत कोविड-19 के मद्देनजर पैदा हुई अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहा है।

नई दिल्ली। मंगलवार को रात 8 बजे पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की। इस घोषणा के बाद बुधवार को गृह मत्रालय ने अपने एक निर्देश में निजी एजेंसियों से 21 दिन के बंद की अवधि में किसी भी गार्ड का वेतन नहीं काटने या नौकरी से नहीं निकालने को कहा गया है।

सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री, सीआईआई, फिक्की, एसोचैम तथा अन्य को लिखे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत कोविड-19 के मद्देनजर पैदा हुई अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहा है। इससे आर्थिक गतिविधि पर भी असर पड़ा है और ऐसी आशंका है कि दुकानों, मॉल्स तथा अन्य प्रतिष्ठान बंद होने के कारण निजी सुरक्षा एजेंसियों पर भी असर पड़ा हो।

मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा, ‘यह समय निजी सुरक्षा एजेंसियों के लिए मानवीय रुख अपनाने और अपने कर्मचारियों तथा स्टाफ के सदस्यों को छंटनी तथा आय में कटौती से बचाने का है।’ इसमें कहा गया है, ‘अत: इंडस्ट्री से अपने कार्यबल के प्रति हमदर्दी रखने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि इन कामगारों को ड्यूटी पर माना जाए और उसके अनुसार उनका वेतन देना जारी रखा जाए।’

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवरात्र के पहले दिन ट्वीट कर कहा है कि इस बार भी वो 9 दिन तक व्रत रखेंगे और जो लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जुटे हैं, उनके उत्तम स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं सिद्धि को यह नवरात्रि समर्पित करेंगे।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘आज से नवरात्रि शुरू हो रही है। वर्षों से मैं मां की आराधना करता आ रहा हूं। इस बार की साधना मैं मानवता की उपासना करने वाले सभी नर्स, डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी, जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जुटे हैं, के उत्तम स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं सिद्धि को समर्पित करता हूं।’

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