नई दिल्ली। वेद और विश्व शांति पर 33वीं अंतर्राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला कार्यक्रम का नई दिल्ली में 11 फरवरी को आयोजन किया गया। वैश्विक सद्भाव, शिक्षा और मानव चेतना पर वैदिक ज्ञान के गहरे प्रभाव को जानने के लिए तमान नामचीन विद्वानों, नीति निर्माताओं और विचारकों को एक साथ, एक मंच पर लाया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. टोनी नाडर ने आधुनिक शिक्षा, स्वास्थ्य और अनुसंधान में वैदिक ज्ञान के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक आयामों पर जोर दिया। डा. नाडर महर्षि महेश योगी के वैश्विक उत्तराधिकारी, प्रतिष्ठित न्यूरोसाइंटिस्ट (हार्वर्ड और एमआईटी) और ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन के जाने माने विशेषज्ञ हैं। इस अवसर पर 100 से अधिक देशों में गैर-लाभकारी संगठनों के सलाहकार डॉ. टोनी नाडर की पुस्तक ‘Consciousness Is All There Is,’ का लोकार्पण भी किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत फ्यूचर आईकॉन्स फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. अक्षिता बहुगुणा के स्वागत भाषण के साथ हुई। उन्होंने वैदिक शिक्षाओं की शाश्वत प्रासंगिकता पर जोर देते हुए अपनी बात रखी। विशिष्ट वक्ता के तौर पर डॉ. बाल मुकुंद पांडे, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली के राष्ट्रीय संगठन सचिव ने अपनी बात रखते हुए सभ्यता को आकार देने में वेदों के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया।
महर्षि विश्वविद्यालयों के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष और ट्रान्सेंडेंटल मेडिटेशन के निदेशक राजा लुइस अल्वारेज़ ने एक अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य का उल्लेख करते हुए आधुनिक समय में वैदिक ज्ञान और ध्यान के वैश्विक प्रभाव पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का समापन डॉ. राजेश नैथानी के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। डा. नैथानी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य नागरिकों, वक्ताओं और अन्य लोगों को का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल सांसद जगन्नाथ सरकार, दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. धनंजय जोशी, यूपीईएस यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. राम, उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार और जोशी मठ के स्वामी आशीष ने भी लोगों को संबोधित किया। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्याल के पूर्व कुलपति देवी प्रसाद त्रिपाठी और कृषि वैज्ञानिक डॉ. स्टीफन जॉन जैसी तमाम प्रतिष्ठित हस्तियां भी इस दौरान वहां उपस्थित रहीं।