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Ayodhya: अयोध्या में जन्मभूमि पर तेजी से बन रहा है भगवान रामलला का मंदिर, अब तक 40 फीसदी से ज्यादा निर्माण, जानिए ताजा अपडेट

Ram Mandir

अयोध्या। अगले साल दिसंबर तक अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर का गर्भगृह समेत पहला तल बनना है। उसके बाद भक्त मंदिर के गर्भगृह में रामलला के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए मंदिर बनाने का काम तेजी से चल रहा है। मंदिर निर्माण के बारे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 40 फीसदी से ज्यादा काम अब तक हो चुका है। ये काम पीएम नरेंद्र मोदी के हाथ मंदिर का शिलान्यास होने के दो साल के भीतर हुआ है। चंपत राय के मुताबिक मंदिर निर्माण के साथ ही इसके चारों तरफ सड़क को बेहतर बनाने के लिए भी जोर-शोर से काम जारी है। उन्होंने बताया कि मंदिर के चबूतरे का 80 फीसदी काम भी हो चुका है। बता दें कि साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं और राममंदिर का निर्माण हमेशा ही बीजेपी के एजेंडे में रहा है।

अयोध्या के कारसेवक पुरम में चंपत राय रहते हैं। वो रोज बैठक कर मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में जानकारी लेते रहते हैं। चंपत राय के मुताबिक भगवान के काम के लिए धन की कोई कमी कभी नहीं रहती। उनके मुताबिक भगवान के चरणों में ही तो देवी लक्ष्मी का वास है। उनके मुताबिक मंदिर की नींव को बहुत मोटा बनाया गया है। ताकि मंदिर का ढांचा कम से कम 1000 साल तक टिक सके। मंदिर में आयताकार परिक्रमा की जगह भी बनाई जा रही है। करीब आठ एकड़ जमीन पर निर्माण हो रहा है। राममंदिर परिसर के पूर्वी हिस्से में विशाल द्वार रहेगा। जिससे होकर भक्त रामलला के दर्शन के लिए भीतर पहुंच सकेंगे।

राममंदिर के निर्माण में राजस्थान के मकराना स्थित खदानों से सफेद संगमरमर भी लाया जा रहा है। इसी संगमरमर से गर्भगृह बनाया जाएगा। जबकि बाहरी दीवारें, चारदीवारी और गेट बलुआ पत्थर से तैयार किए जा रहे हैं। चंपत राय के मुताबिक संगमरमर को तराशने का काम जारी है। राममंदिर निर्माण में करीब 8-9 लाख घनफुट बलुआ पत्थर की जरूरत पड़ेगी। इससे परकोटा यानी चारदीवारी बनाई जाएगी। वहीं, 6.37 लाख घनफुट ग्रेनाइट से चबूतरा बनाया जा रहा है। गुलाबी बलुआ पत्थर के 4.7 लाख घनफुट से मुख्य मंदिर, 13000 घनफुट से ज्यादा सफेद संगमरमर से गर्भगृह और 95000 घनफुट से ज्यादा सफेद संगमरमर से मंदिर के फ्लोर और अन्य नक्काशियां बनाई जानी हैं।

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