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Pilot Vs Gehlot: राजस्थान में फिर पायलट और सीएम गहलोत में छिड़ी जंग, दलित छात्र की मौत पर सचिन ने घेरा

ashok gehlot and sachin pilot

जयपुर/जालोर। राजस्थान में एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान मचती दिख रही है। दोनों नेता एक-दूसरे पर वार और पलटवार कर रहे हैं। पहले भी दोनों के बीच काफी तकरार मची थी। यहां तक कि गहलोत ने सचिन पायलट को बच्चा तक कह दिया था। अब ताजा तकरार में सचिन पायलट ने राज्य में अपनी ही सरकार और उसके मुखिया अशोक गहलोत पर जालोर में दलित छात्र की मौत के मामले को उठाकर हमला बोला है। जालोर में मृत छात्र इंद्र कुमार के घरवालों से मिलने के बाद सचिन पायलट ने कहा कि स्कूल में शिक्षक के पीटने से मासूम छात्र की मौत हो गई। एफआईआर में लिखा है कि वो शिक्षक के मटके से पानी पीना चाह रहा था। जिसके बाद भेदभाव हुआ। परिजनों पर लाठीचार्ज भी हुआ था। लाठीचार्ज करने वाले अफसर पर कार्रवाई होनी चाहिए। हमें इस तरह के माहौल को खत्म करना होगा। दलित समुदाय को ये महसूस करना चाहिए कि ये (राजस्थान की) सरकार उनकी सरकार है।

सचिन पायलट की ओर से अशोक गहलोत को ही घेर लिए जाने की वजह तीन दिन पहले मुख्यमंत्री का बयान माना जा रहा है। अशोक गहलोत ने अपने इस बयान में सचिन पायलट का नाम लिए बगैर कहा था कि कुछ लोग कहते हैं कि हमारी पार्टी में कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं दिया जा रहा है, लेकिन मैं साफ कह देना चाहता हूं कि वे लोग ऐसा करके कार्यकर्ताओं में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है। हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं का सम्मान होता है और वे सभी के हित के लिए काम करते हैं। गहलोत ने आगे ये भी कहा था कि जुमला हो गया है यह तो, अरे काई का मान सम्मान, क्या होता है, आपने किया है क्या? जानते भी हो क्या होता है मान- सम्मान, हम मान सम्मान पाते-पाते ही कार्यकर्ता से नेता बने हैं।

बता दें कि इससे पहले जब सचिन पायलट और गहलोत के बीच जंग छिड़ी थी, तो सचिन अपने कुछ साथी विधायकों के साथ दिल्ली में आकर जम गए थे। उसके बाद गहलोत के कहने पर कांग्रेस आलाकमान ने सचिन को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और डिप्टी सीएम पद से हटा दिया था। जबकि, सचिन के प्रदेश अध्यक्ष रहते ही राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी थी। सचिन को पदों से हटाए जाने के बाद से ही वो गहलोत के खिलाफ बयान देते रहे हैं। वहीं, गहलोत भी उनपर बयानों के तीर चलाते हैं। राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में गहलोत और पायलट की तकरार कांग्रेस के लिए मुश्किलों का सबब बन सकती है।

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