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Row In Rajasthan: सचिन पायलट के बाद अब इस कद्दावर जाट नेता ने खोला सीएम गहलोत के खिलाफ मोर्चा, दी ये धमकी

cm ashok gehlot

जयपुर। अब तक तो सचिन पायलट कैंप की वजह से राजस्थान में कांग्रेस और सीएम अशोक गहलोत परेशान थे। अब कांग्रेस के एक कद्दावर जाट नेता ने भी मोर्चा खोल दिया है। नेता का नाम हरीश चौधरी है। हरीश चौधरी पंजाब में कांग्रेस के पूर्व प्रभारी और राजस्थान के पूर्व मंत्री हैं। हरीश ने गहलोत पर ओबीसी आरक्षण के मसले पर निशाना साधा है। चौधरी ने आरोप लगाया है कि सीएम गहलोत ने वादा किया था कि कैबिनेट की बैठक में ओबीसी आरक्षण में विसंगति पर फैसला होगा, लेकिन दो दिन पहले यानी बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर कोई फैसला अशोक गहलोत ने नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर इस मुद्दे को आगे बढ़ा दिया गया है।

बता दें कि राजस्थान में काफी तादाद में जाट वोटर हैं। राज्य में झुंझनू, नागौर, सीकर, भरतपुर और जोधपुर को जाट बेल्ट कहा जाता है। जाट वोटरों की तादाद भी करीब 14 फीसदी है। इनके वोट किसी भी पार्टी के पक्ष में एकमुश्त ही पड़ते रहे हैं। जाटों को शिक्षा और नौकरियों में ओबीसी आरक्षण मिला हुआ है। ऐसे में हरीश चौधरी जैसे नेता की नाराजगी गहलोत और कांग्रेस के लिए मुश्किल का सबब बन सकती है। चौधरी ने कहा कि गहलोत से मिलकर वो कई बार इस बारे में मांग कर चुके हैं और सीएम ने विसंगति दूर करने का वादा भी किया था, लेकिन हुआ कुछ नहीं। चौधरी ने साफ चेतावनी दी कि अगर मसला हल नहीं हुआ, तो वो अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़क पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

जाटों को ओबीसी आरक्षण में विसंगति का मुद्दा राजस्थान के सोशल मीडिया में भी छाया रहा। गहलोत के करीबी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पर आरोप लगा कि उनकी वजह से ही आरक्षण विसंगति का मसला कैबिनेट में नहीं आया। खाचरियावास ने ऐसे किसी कदम से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि वो ओबीसी आरक्षण के खिलाफ कभी भी नहीं रहे। राजस्थान में दरअसल, ओबीसी चाहते हैं कि 2018 के आदेश के मुताबिक पूर्व सैनिकों को आरक्षण न मिले। हरीश चौधरी भी इस मसले पर एक बार धरना तक दे चुके हैं। अब उनकी चेतावनी गहलोत और कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किल का सबब बन सकती है।

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