जयपुर। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की तरफ से मंत्रीमंडल से बर्खास्त किए जाने के बाद राजेंद्र सिंह गुढ़ा का दर्द छलका है। गुढ़ा ने शुक्रवार रात मीडिया से कहा कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं की थी। गुढ़ा ने कहा कि मणिपुर की घटना शर्मसार करने वाली है। उसकी निंदा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने तो सिर्फ इतना कहा था कि अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि और कोई बात तो मैंने नहीं की थी। पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि 4 महीने बाद हम जनता के बीच जाएंगे, तो उनका सामना कैसे करेंगे।
#WATCH जिस तरह से मणिपुर की घटना थी वह शर्मसार कर देने वाली घटना थी है और उसकी निंदा होनी चाहिए। हमने बस इतना कहा था कि हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। हम 4 महिने बाद जनता के बीच में जाएंगे, हम जनता का सामना कैसे करेंगे? हमने बस गिरेबान की बात की थी, और कोई बात नहीं थी:… pic.twitter.com/R0RglYCAZ2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2023
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि हमें बहनों और बेटियों ने इसलिए जिताकर भेजा था कि हम उनके मान और सम्मान की हिफाजत कर सकें। गुढ़ा ने फिर कहा कि सारे रिकॉर्ड बताते हैं कि महिलाओं पर अत्याचार के मामले में राजस्थान नंबर एक पर है। गुढ़ा ने कहा कि जब सरकार अल्पमत में थी, उस वक्त हमने उसको मजबूती देने के लिए हर संभव कोशिश की। जब भी कोई दिक्कत आई, हम गहलोत जी के साथ पूरी ताकत से खड़े रहे। राजेंद्र गुढ़ा के बयान के बाद माना जा रहा है कि वो अब अलग राह चुन सकते हैं। हालांकि, उन्होंने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने विधानसभा में कहा था कि मणिपुर में जो हुआ, उसकी चर्चा न कर राजस्थान में महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार की बात करनी चाहिए। विधानसभा में इस पर बीजेपी सदस्यों ने उनका जमकर समर्थन किया था। जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने राजेंद्र गुढ़ा को मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से कर दी थी। राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ तमाम अपराध हो रहे हैं। यहां तक कि गहलोत का गृहनगर जोधपुर भी अछूता नहीं है। हाल ही में एक परिवार को यहां जलाकर मार दिया गया। राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी कानून और व्यवस्था को मुद्दा बना रही है।