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Maharashtra Political Crisis: चाचा शरद के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने के बाद अजित पवार ने बदला अपना ट्विटर बायो, ऐसे दिया अपना नया परिचय

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नई दिल्ली। जरा ध्यान दीजिएगा…अगले वर्ष जहां लोकसभा के चुनाव हैं, तो वहीं महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में जिस तरह से बगावत का बिगुल अजित पवार ने अपने चाचा के खिलाफ फूंक दिया है, उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। आज अजित के साथ 9 राकांपा नेताओं ने सीएम शिंदे की मौजूदगी में मंत्री पद की शपथ ली। अजित पवार ने खुद डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। बता दें कि अजित पवार ने यह कदम उठाने से पहले अपने आवास पर इन नेताओं के साथ बैठक की थी और इसके बाद वो अपने समर्थकों के साथ राजभवन रवाना हुए। जहां सभी ने शपथ लिया। अजीत पवार ने शपथ लेने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वो आगामी दिनों में एनसीपी पर दावा ठोकेंगे और चुनाव चिन्ह के लिए लड़ेंगे। माना जा रहा है कि वो अब अपने इस कदम को वास्तविकता का रूप देने के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

उधर, एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि वे अपने राजनीतिक जीवन में इस तरह की कई बगावतें देख चुके हैं। उन्होंने ही इस पार्टी की स्थापना की थी और वो खुद ही इस पार्टी को खड़ी करेंगे। इस बीच उन्होंने विपक्ष के कई नेताओं का शुक्रिया अदा किया है, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का भी नाम लिया। इसके अलावा उनसे महाविकास अघाड़ी के गठबंधन को लेकर भी सवाल किया गया, जिस पर उन्होंने दो टूक कह दिया है कि अजित पवार के बागी रुख से हमारे इस गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हमें लगातार अपनी आवाज जनहित में मुखर करते रहेंगे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि इस बागी नेताओं की फेहरिस्त में कई ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिन पर मुझे विश्वास नहीं था कि ये लोग मेरे खिलाफ ऐसा कदम उठा सकते हैं। उधर, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अजित पवार के इस कदम ने महाराष्ट्र की राजनीति पर विराम लगा दिया है।

संजय राउत ने यहां तक दावा किया है कि आगामी दिनों में अजीत पवार के साथ गए सभी नेता सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित किए जाएंगे। वहीं, इस बीच डिप्टी सीएम की शपथ लेने के बाद अजित पवार ने अपना ट्विटर बायो बदल दिया है, जिसमें उन्होंने खुद को महाराष्ट्र का उप-मुख्यमंत्री व राकांपा नेता के रूप में घोषित किया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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