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Financial Crisis: रुपए-पैसे की कमी से गांधी परिवार परेशान, अब कांग्रेस की प्रॉपर्टी किराए पर देकर खर्च चलाने की तैयारी

rahul and sonia

नई दिल्ली। आठ साल पहले केंद्र की सत्ता से बाहर हो चुकी और राज्यों में भी सरकारें गंवा चुकी कांग्रेस आजकल नकदी की परेशानी झेल रही है। कॉरपोरेट घरानों और आम लोगों से चंदा भी मिलना कम हो गया है। कई जगह पार्टी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह देने में दिक्कत आ रही है। तमाम कोर्ट केस अलग से चल रहे हैं। ऐसे में अब कांग्रेस को अपनी प्रॉपर्टी का ध्यान आया है। पार्टी की देशभर में तमाम प्रॉपर्टियां हैं। कांग्रेस ने अब इनकी खोजबीन शुरू कर दी है। इरादा ये है कि इन प्रॉपर्टी के जरिए किराया हासिल कर अपना कामकाज जारी रखा जा सके।

अंग्रेजी अखबार ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपी खबर के मुताबिक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी AICC के खजांची पवन बंसल ने सभी राज्यों में पार्टी के अध्यक्षों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि आपके राज्य में कहां कौन सी पार्टी की प्रॉपर्टी है, इसकी जानकारी दी जाए। साथ ही चिट्ठी में लिखा गया है कि अगर पार्टी की किसी प्रॉपर्टी पर किसी ने कब्जा कर रखा है, तो उसकी भी जानकारी भेजें। सूत्रों के मुताबिक कई जगह पदाधिकारियों और नेताओं ने ही कांग्रेस की अचल संपत्ति पर कब्जा जमा रखा है। पवन बंसल ने ये भी राज्य इकाइयों से कहा है कि जिन प्रॉपर्टी पर टैक्स वगैरा बकाया है, उसकी जानकारी भी दें। साथ ही हर राज्य में पार्टी की प्रॉपर्टी की देखरेख के लिए किसी को तैनात करने के लिए भी कहा गया है।

सूत्रों के मुताबिक देशभर में कांग्रेस सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी वाली पार्टी है। ब्लॉक स्तर तक उसके पास प्रॉपर्टी है। राज्यों की राजधानियों के प्राइम लोकेशन पर भी उसकी प्रॉपर्टी है। ऐसे में कांग्रेस अब इन प्रॉपर्टी को वित्तीय परेशानी की मदद के तौर पर देख रही है। पवन बंसल ने 15 दिन पहले जो चिट्ठी इस बारे में राज्य इकाइयों को भेजी थी, उसमें तुरंत जानकारी देने के लिए कहा गया था। बता दें कि चुनाव आयोग ने बीते दिनों पार्टियों को मिले चंदे की जो जानकारी दी थी, उससे पता चला था कि कांग्रेस को बीजेपी के मुकाबले काफी कम चंदा मिल रहा है। 2014 में सत्ता गंवाने के बाद से चंदे के मामले में पार्टी की यही हालत हर साल है।

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