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Arvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, दिल्ली के छात्रों के लिए उठाई ये बड़ी मांग

Arvind Kejriwal: केजरीवाल ने इस मामले को दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच साझेदारी का विषय बताया। उन्होंने लिखा, "दिल्ली मेट्रो परियोजना केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से चलती है। ऐसे में मेट्रो किराए में रियायत के लिए होने वाले खर्च को भी केंद्र और राज्य सरकार को बराबर-बराबर बांटना चाहिए। मुझे विश्वास है कि आप इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे।"

Modi and Kejriwal

नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली मेट्रो में छात्रों को 50% किराए की छूट देने की मांग की है। केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा है कि दिल्ली मेट्रो पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों का बराबर हिस्सा है, इसलिए यह जिम्मेदारी भी दोनों सरकारों को साझा करनी चाहिए। उन्होंने लिखा, “हम दिल्ली सरकार की ओर से छात्रों के लिए बस यात्रा पूरी तरह मुफ्त करने की योजना पर काम कर रहे हैं। ऐसे में अगर मेट्रो में छात्रों को रियायत दी जाए, तो इससे उनके ऊपर पड़ने वाला वित्तीय बोझ कम होगा।”

छात्रों पर से वित्तीय बोझ कम करने का प्रस्ताव

अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा है, “दिल्ली के स्कूल और कॉलेज के कई छात्र मेट्रो पर निर्भर हैं। उनकी शिक्षा को सुविधाजनक और किफायती बनाने के लिए मेट्रो किराए में 50% की रियायत बहुत महत्वपूर्ण है। यह छात्रों और उनके परिवारों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को हल्का करेगा।”

केंद्र और राज्य सरकार का बराबर योगदान

केजरीवाल ने इस मामले को दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच साझेदारी का विषय बताया। उन्होंने लिखा, “दिल्ली मेट्रो परियोजना केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से चलती है। ऐसे में मेट्रो किराए में रियायत के लिए होने वाले खर्च को भी केंद्र और राज्य सरकार को बराबर-बराबर बांटना चाहिए। मुझे विश्वास है कि आप इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे।”

बस यात्रा को मुफ्त करने की योजना जल्द

सूत्रों के मुताबिक, यह भी संभावना है कि अरविंद केजरीवाल विधानसभा चुनाव से पहले छात्रों के लिए बसों में मुफ्त यात्रा का ऐलान कर सकते हैं। केजरीवाल के इस कदम को चुनावी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष द्वारा भी बयानबाजी तेज होने के आसार हैं। दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में इस पत्र को चुनावी एजेंडा और छात्रों के हित में बड़ा दांव माना जा रहा है। अब देखना यह है कि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया देती है।

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