News Room Post

राजस्थान : विधानसभा सत्र बुलाने के लिए गहलोत ने लिया ‘कोरोना का सहारा’, राज्यपाल को भेजा नया प्रस्ताव

CM Ashok Gehlot

नई दिल्ली। राजस्थान के सियासी अखाड़े में अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए एक नया दांव चला है। इसबार उन्होंने राज्यपाल को प्रस्ताव भेजते हुए कोरोना को ढाल बनाया है। गहलोत ने शनिवार देर रात 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा है, जिसको लेकर कहा जा रहा है कि, इसमें बहुमत साबित करने का कोई जिक्र नहीं है।

हालांकि इस प्रस्तान को लेकर ये भी कहा जा रहा है कि, इसमें गहलोत कोरोना पर विशेष चर्चा करना चाहते हैं और छह बिल पेश करना चाहते हैं। आपको बता दें कि राजस्थान में फिलहाल टकराव की स्थिति है। इससे पहले शुक्रवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर गहलोत गुट के विधायकों ने राजभवन में धरना दिया था। इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधायकों से बात भी की। हालांकि गहलोत गुट अभी भी विधानसभा सत्र बुलाने के लिए अड़ा हुआ है। अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 31 जुलाई से विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की है।

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को ही रात कैबिनेट से इसका अनुमोदन करा लिया था मगर शनिवार दिनभर कानूनविदों से चर्चा की गई और उसके बाद सरकार ने प्रस्ताव भेजा है। इसमें कहा गया है कि राज्य में 6 बिलों को विधानसभा में पेश करना है। विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह बिजनेस एडवाइजरी कमेटी तय करती है लेकिन फिलहाल हम 6 बिल विधानसभा में पेश करेंगे।

राज्यपाल के सामने अपनी बात रखते हुए गहलोत सरकार ने लिखा है कि, सरकार के पास संवैधानिक अधिकार होता है कि वह सत्र बुलाए और अल्प अवधि में पहले भी आपके द्वारा दो बार सत्र आहूत की गई है। इसमें सरकार ने कहीं भी नहीं लिखा है कि वह विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना चाहती है। दरअसल राज्यपाल भी सरकार से ही पूछ रहे थे कि आखिर वह विधानसभा सत्र क्यों बुलाना चाहती है और उनका एजेंडा क्या है।

इस प्रस्ताव को लेकर माना जा रहा है कि, अशोक गहलोत सत्र बुलाकर बिल के जरिए व्हिप जारी कर सचिन गुट के 19 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष से अयोग्य साबित करा देंगे और उसके बाद सदन में विधायकों की कुल संख्या कम हो जाएगी तो सरकार खुद ही बहुमत में आ जाएगी। इसके बाद ही गहलोत सरकार सदन में बहुमत साबित करेगी।

Exit mobile version