नई दिल्ली। एक तरफ तीसरी बार एनडीए की सरकार बनाने को लेकर बैठकों का दौर जारी है तो वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्र बाबू नायडू की टीडीपी ने कुछ ऐसे मुद्दे उठा दिए जिसको लेकर बीजेपी की टेंशन कुछ बढ़ सकती है। दरअसल, जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने अग्निवीर योजना की समीक्षा किए जाने की बात कही है। वहीं उन्होंने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर भी सभी राज्यों से बातचीत करने की जरूरत पर बल दिया। इसके साथ ही उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग एक बार फिर दोहराई। हालांकि केंद्र सरकार में मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर जेडीयू नेता के.सी. त्यागी ने कहा कि इस मामले में बिहार के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो फैसला लेंगे वो हमें मंजूर होगा।
दूसरी तरफ, आंध्र प्रदेश के नेता चंद्र बाबू नायडू की पार्टी टीडीपी केंद्र सरकार में अपनी पार्टी के लिए लोकसभा स्पीकर के पद के साथ 6 महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी चाहती है। आपको बता दें कि बीजेपी की सहयोगी पार्टियों में शामिल टीडीपी को 17 जबकि जेडीयू को 12 सीटें मिली हैं। इस प्रकार से बहुमत के आंकड़े के लिए इन दोनों दलों का एनडीए में रहना बहुत जरूरी है। ऐसे में इन दोनों पार्टियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर बीजेपी पर एक तरह का इंडायरेक्ट दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
उधर, इंडी गठबंधन भी इस बात को भली भांति समझ रहा है और लगातार जोड़-तोड़ की जुगत में लगा है। इंडी गठबंधन की नजर भी नीतीश कुमार और चंद्र बाबू नायडू पर है कि किसी तरह इन दोनों नेताओं को इंडी गठबंधन में शामिल कर लिया जाए तो एनडीए बहुमत के आंकड़े से दूर हो जाएगी और इंडी गठबंधन बहुमत के करीब पहुंच जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार गठन के प्रयास पर कहा है कि हम सही समय आने पर उचित कदम उठाएंगे।