News Room Post

Mohan Bhagwat के बयान पर संग्राम, आरपी सिंह ने एक चैनल को लेकर लिखा अल्पसंख्यक आयोग को पत्र तो मिला ये जवाब…

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक साक्षात्कार में मुसलमानों को लेकर कहा कि, भारत के मुसलमान दुनिया में सबसे ज्यादा संतुष्ट मुसलमान हैं। उन्होंने इस इंटरव्यू में कई और बातें कही हैं, जिनकी वजह से एक चैनल ने कुछ इस तरह खबरें चलाईं कि अब हंगामा खड़ा हुआ है। बता दें कि मोहन भागवत ने पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों की हालत को लेकर कहा कि, जितना अधिकार भारत में दूसरे धर्मों को लेकर हैं उतना पाकिस्तान ने दूसरे धर्मों को अधिकार नहीं दिए। संघ प्रमुख ने रसखान का जिक्र करते हुए भारतीय संस्कृति की गौरवशाली छवि को विस्तार से समझाया। जहां बहुसंख्यक समुदाय हिंदू होने के बावजूद देश में दूसरे धर्मों को समान अधिकार दिया गया लेकिन कुछ राजनीतिक दल, बुद्धजीवी हमेशा अपने फायदे के लिए मुस्लिमों को भड़काकर अलगाववाद की साजिश रचते रहे हैं।

एक मासिक पत्रिका से बातचीत में संघ प्रमुख मोहन भागवत मुसलमानों को भारत में रहने को लेकर साफ किया कि वास्तव में हमारा ही एकमात्र देश है, जहाँ पर सब के सब लोग बहुत समय से एक साथ रहते आए हैं। सबसे अधिक सुखी मुसलमान भारत देश के ही हैं। दुनिया में ऐसा कोई देश है जहां पर उस देश के वासियों की सत्ता में दूसरा संप्रदाय रहा हो। जो उस देश के वासियों का नहीं और वह अभी तक चल रहा है? ऐसा कोई नहीं, वह केवल हमारा देश ही है।

मुसलमानों पर मोहन भागवत द्वारा दिए बयान के बाद निजी खबर चैनल इंडिया टूडे RSS प्रमुख के बयान को गलत तरीके से पेश किया। जिस पर सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर अपनी भड़ास निकाली। आप भी देखिए कि मोहन भागवत ने कहा क्या था और चैनल ने उसी बयान को किस तरह से ट्वीट किया था। हालांकि विवाद बढ़ता देख इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया।

बता दें कि इसको लेकर भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मोहन भागवत का वीडियो शेयर कर इस फेक खबर की सच्चाई को सबके सामने ला दिया।

इस ट्वीट को लेकर आर पी सिंह ने अल्पसंख्यक आयोग से शिकायत तो कमीशन की तरफ से इस मामले में इंडिया टूडे को एक नोटिस भेजकर 15 दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है।

बता दें कि आरपी सिंह का कहना है कि, मोहन भागवत के बयान को जिस तरह से तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, उससे समाज में गलत संदेश जा सकता है और इसकी वजह से दो धर्मों के लोगों में तनाव बन सकता है।

 

Exit mobile version