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Rajasthan: किसान आंदोलन बेअसर, राजस्थान पंचायत चुनाव में भाजपा ने मारी बाजी

Ashok Gahlot BJP

नई दिल्ली। राजस्थान में हाल ही में कांग्रेस सरकार को लेकर जिस तरह की अनिश्चितता की स्थिति बनी थी उससे उबरना सरकार के लिए मुश्किल लग रहा था। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जिस तरह की जुबानी जंग छिड़ी और उसके बाद गहलोत सरकार पर जैसे अनिश्चितता के बाद छाए रहे इसमें कांग्रेस की तरफ से बार-बार ये कहा गया कि भाजपा यहां सरकार गिराकर अपनी सरकार का गठन करने की कोशिश में लगी हुई है। हालांकि तमाम मुश्किलों के बावजूद सरकार को बचाने में कांग्रेस को सफलता मिली। लेकिन राजस्थान में पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव में कांग्रेस को जिस तरह से झटका लगा है वह इतना बताने के लिए काफी है कि वहां की जनता का विश्वास कांग्रेस में कम हुआ है।

इधर देशभर में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन जारी है वहीं राजस्थान में इस जीत के बाद से भाजपा इसे जनादेश का समर्थन बता रही है और कह रही है कि राज्य के किसानों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के पक्ष में वोट किया है। मतलब भाजपा इसे नए किसान कानून की जीत के रूप में पेश कर रही है। राजस्थान में मिली जीत को लेकर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर इतनी नकारात्मकता फैलाने के बाद भी देश में जगह-जगह भाजपा को जनता का समर्थन मिल रहा है। यह उन विपक्षी दलों के लिए जवाब है जो अपने कुप्रचार के जरिए नकारात्मकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उनको जनता नकार रही है।

आपको बता दें कि राजस्थान में पंचायत एवं जिला परिषद के चुनाव नतीजों में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को जिस तरह से झटका लगा है वह काफी चौंकाने वाला है क्योंकि कांग्रेस को उम्मीद थी कि वह ग्रामीण इलाकों में अच्छा प्रदर्शन करेगी, इसकी वजह किसानों द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ किया जाने वाला प्रदर्शन था। जिसे लेकर कांग्रेस को उम्मीद थी कि उनके पक्ष में बढ़-चढ़कर मतदान किया जाएगा, लेकिन उसकी उम्मीदों को झटका लगा है। वहीं, इस चुनाव में भाजपा के पक्ष में आए नतीजों ने पार्टी के अंदर एक नए किस्म का उत्साह एवं ऊर्जा का संचार किया है।

राजस्थान में पंचायत समिति और जिला परिषद दोनों के चुनाव में कांग्रेस को करारा झटका लगा है। पंचायत समिति के 4371 सीटों में से 4051 के नतीजे जारी हो चुके हैं। इन नतीजों में भाजपा के पक्ष में 1836 सीटें, कांग्रेस के पक्ष में 1718 और निर्दलीयों की झोली में 497 सीटों गई है। वहीं जिला परिषद चुनाव के घोषित नतीजों में कांग्रेस भाजपा के सामने कहीं खड़ी होती नजर नहीं आ रही है। इसके घोषित 636 में 606 सीटों के नतीजों में भाजपा 326 सीटों पर और कांग्रेस 250 सीटों पर विजयी हुई है जबकि निर्दलीय के हिस्से में 30 सीटें आई हैं।

मंगलवार की देर रात तक के घोषित नतीजों की मानें तो अजमेर जिला परिषद में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला है। यहां पर भाजपा ने 21 सीटें और कांग्रेस ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की है। भीलवाड़ा जिला परिषद में भाजपा को 24, कांग्रेस को 13, चित्तौड़गढ़ जिला परिषद में भाजपा को 21, कांग्रेस को 4, चुरू जिला परिषद में भाजपा को 20, कांग्रेस को 7, जालौर जिला परिषद में भाजपा को 19, कांग्रेस को 12, झालावड़ जिला परिषद में भाजपा को 19, कांग्रेस को 7, झुनझुनु जिला परिषद में भाजपा को 20, कांग्रेस को 13, राजसमंद जिला परिषद में भाजपा को 17 और कांग्रेस को आठ सीटें मिली हैं। वहीं भाजपा के सहयोगी दल आरएलपी ने जिला परिषद चुनाव में 10 सीटें जीतने में सफलता पाई है।

चुनाव में इस तरह के नतीजों पर प्रकाश जावडेकर ने कहा कि राजस्थान के चुनाव में इस बार हार जीत का अंतर बहुत ज्यादा रहा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अपने गृह क्षेत्र के 2 पंचायत समिति पूरी तरह हार गए। जबकि सचिन पायलट के गृह जिले टोंक में जिला परिषद भाजपा ने जीती है। इसके साथ ही जावडेकर ने बताया कि अरुणाचल में भी भाजपा को भारी सफलता मिली है। 240 जिला पंचायत के चुनावों में 96 सीटें निर्विरोध आई हैं। वहीं ग्राम पंचायत में 8,291 सीटों में से 5,410 सीट निर्विरोध आ गई हैं।

प्रकाश जवाडेकर ने कहा कि आने वाले समय के लिए ये शुभ संकेत है कि मतदाता दक्षिण हो या पूर्वोत्तर हो, सभी जगह भाजपा के पक्ष में है। कोरोना महामारी, वैश्विक आर्थिक संकट और विपक्ष का कृषि सुधारों पर दुष्प्रचार के बाद भी मतदाता सभी जगह भाजपा को पसंद कर रहे हैं।

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