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BJP To Fight Bypoll In 9 Assembly Seats Of UP: यूपी की 10 में से 9 विधानसभा सीट पर उपचुनाव में बीजेपी उतारेगी उम्मीदवार, सूत्रों के मुताबिक आरएलडी को मिलेगी 1 सीट; निषाद पार्टी को कोई सीट न देने का फैसला!

नई दिल्ली। यूपी की 10 विधानसभा सीट के उपचुनाव में बीजेपी ने 9 सीट पर अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। न्यूज चैनल आजतक के मुताबिक बीजेपी ने सहयोगी दल आरएलडी को 1 सीट देने का फैसला भी किया है। जबकि, वो निषाद पार्टी को कोई सीट नहीं देने जा रही है। पिछली बार इन 10 सीट में से 5 समाजवादी पार्टी के पास थीं। वहीं, बीजेपी ने 3, आरएलडी ने 1 और निषाद पार्टी ने 1 सीट जीती थी।

यूपी में गाजियाबाद, करहल, मिल्कीपुर, फूलपुर, मझवां, सीसामऊ, कटेहरी, कुंदरकी, मीरापुर और मंझवा सीट पर उपचुनाव होने हैं। न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बीजेपी 20 अक्टूबर तक इनमें से 9 सीट पर अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर देगी। यूपी में बीजेपी की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही 6 विधानसभा सीट पर अपने प्रत्याशियों का एलान कर चुके हैं। समाजवादी पार्टी ने फैसला किया है कि वो अखिलेश यादव के चचेरे भाई तेज प्रताप यादव को करहल सीट से चुनाव लड़ाएगी। वहीं, मिल्कीपुर सीट से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजित प्रसाद को सपा ने उम्मीदवार बनाया है। फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी, मझंवा से डॉ. ज्योति बिंद, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, कटेहरी से शोभावती वर्मा को समाजवादी पार्टी ने टिकट देने का एलान किया है।

यूपी की इन 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव बीजेपी और समाजवादी पार्टी के लिए बहुत अहम हैं। लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने यूपी में बीजेपी को पटकनी दी थी। बीजेपी सिर्फ 33 सीट ही जीत सकी थी। जबकि, समाजवादी पार्टी ने 37 लोकसभा सीट पर कब्जा जमाया था। समाजवादी पार्टी तभी से ये कह रही है कि यूपी की जनता अब बीजेपी को नकार चुकी है। वहीं, उपचुनाव में सभी 10 विधानसभा सीट जीतकर बीजेपी दिखाने की कोशिश करेगी कि यूपी की जनता का आशीर्वाद उसे ही हासिल है। ऐसे में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच उपचुनाव का मुकाबला बहुत रोचक होने की उम्मीद है। खासकर बीजेपी अयोध्या की मिल्कीपुर सीट को हर हाल में हासिल करना चाहेगी। इसकी वजह ये है कि राम मंदिर बनने के बावजूद लोकसभा चुनाव में फैजाबाद-अयोध्या सीट पर समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद जीत गए थे। इसे लेकर भी बीजेपी को तमाम तंज का सामना करना पड़ा था।

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