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Rahul Gandhi: अब इस विकट परेशानी का सामना कर सकती है कांग्रेस, क्या हालात संभाल सकेगा गांधी परिवार?

priyanka rahul sonia gandhi

नागरकोइल। कांग्रेस के सामने अगले महीने से विकट परेशानी खड़ी हो सकती है। राहुल गांधी के ताजा बयान से ऐसा लग रहा है। अगले महीने यानी अक्टूबर की 17 तारीख को कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होना है। इसके लिए 24 सितंबर से परचे भरे जाएंगे। इससे पहले राहुल गांधी ने संकेतों में साफ कह दिया है कि वो कांग्रेस अध्यक्ष न बनने के अपने रुख पर अटल हैं। वहीं, पार्टी का एक बड़ा धड़ा राहुल को ही कांग्रेस अध्यक्ष बनाना चाहता है। ऐसे में राहुल अगर चुनाव नहीं लड़ते और अध्यक्ष नहीं बनते, तो पार्टी के नेताओं में खींचतान और टकराव तेज हो सकता है। ऐसे में ये सवाल भी है कि गांधी परिवार क्या ऐसे किसी हालात को संभाल सकेगा?

राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत कन्याकुमारी से पैदल श्रीनगर जा रहे हैं। रोज करीब 25 किलोमीटर वो चलते हैं। 150 दिन में भारत जोड़ो यात्रा पूरी होने वाली है। अपनी इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी बीच-बीच में मीडिया और आम लोगों को भी संबोधित करते हैं। शुक्रवार को उन्होंने नागरकोइल में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष के बारे में सवाल पूछा गया। इस पर राहुल ने कहा, ‘मैंने फैसला कर लिया है। मेरे मन-मस्तिक में मैं बहुत स्पष्ट हूं। जब पार्टी के चुनाव होंगे तो यह बहुत स्पष्ट हो जाएगा कि मैं अध्यक्ष बनूंगा या नहीं और तब तक आप इंतजार कीजिए। अगर मैं कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में खड़ा नहीं होता तो आप मुझसे पूछ सकते हैं और तब मैं जवाब दूंगा कि मैंने क्यों नहीं किया।’

बता दें कि राहुल गांधी पहले भी कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की घोर पराजय के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया था। तबसे उनकी मां सोनिया गांधी कार्यकारी अध्यक्ष हैं। बीते दिनों ये खबर भी आई थी कि राहुल गांधी खुद तो अध्यक्ष बनना ही नहीं चाहते, अपनी बहन प्रियंका गांधी को भी इस पद के लिए चुनाव नहीं लड़ने को कह रहे हैं। वहीं, सोनिया गांधी अब काफी बुजुर्ग हो चुकी हैं और उनकी तबीयत खराब रहती है। जबकि, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत समेत तमाम नेता राहुल को ही अध्यक्ष पद पर देखना चाहते हैं। जबकि, शशि थरूर जैसे नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। ऐसे में पार्टी में दो धड़े साफ दिख रहे हैं। अगर राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं बनते, तो इससे इन दो धड़ों के बीच टकराव हो सकता है। जिससे पहले से अंदरूनी सियासत झेल रही कांग्रेस को और दिक्कत हो सकती है।

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