News Room Post

Azam Khan: अब भगवत गीता का पाठ करेंगे आजम खां, सपा नहीं बल्कि कांग्रेस नेता ने भेंट की पुस्तक

Azam khan

नई दिल्ली। विगत 26 माह से सलाखों के पीछे कैद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान से आज कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम मिलने पहुंचे थे। मुलाकात के उपरांत कांग्रेस नेता ने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि यह मुलाकात राजनीति से परे महज शिष्टाचार भेंट थी। उन्होंने कहा कि वे महज उनका हालचाल लेने पहुंचे थे। वे काफी दिनों से जेल में हैं। ऐसे में वे उनकी हालिया स्थिति से अवगत होने हेतु पहुंचे थे। वहीं जब कांग्रेस नेता से पूछा गया कि क्या इस मुलाकात के कोई सियासी मायने निकाले जा सकते हैं, तो इस पर उन्होंने कहा कि जब यह मुलाकात राजनीतिक थी ही नहीं तो इसका राजनीतिक मायनों से क्या लेना-देना है। प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मैंने आजम खान को गीता भेंट की और उन्होंने मुझे खजूर दिया। गीता में अन्याय के ऊपर न्याय की जीत के बारे में बताया गया है। इस बीच उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आदरणीय योगी आदित्यनाथ एक योगी हैं, लेकिन उनके राज में अन्याय अपने चरम पर पहुंच चुकी है। लेकिन इस बीच आचार्या प्रमोद कृष्णम ने यह कहकर राजनीतिक गलियारों में चर्चागोशियों के बाजार को गुलजार कर दिया कि जब आजम जेल से रिहा होंगे तो उनसे राजनीतिक वार्ता भी होगी। फिलहाल मैं उनसे मिलने कोई रणनीतिक बनाने नहीं गया था, बल्कि उनका हालचाल जानने के लिए गया था। अब ऐसे में यह देखना होगा कि जब वे जेल से रिहा होंगे तब उनका अगला राजनीतिक कदम क्या होगा।

गौरतलब है कि आजम खान विगत कई माह से जेल के सलाखों के पीछे हैं। बीते दिनों उनके मीडिया सलाहकार फसाहत खान ने भी इस मसले को जोरों शोरों से उठाते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सीएम योगी सही कहते हैं कि अखिलेश यादव खुद ही नहीं चाहते हैं कि आजम खान से जेल से बाहर आएं। फसाहत खान ने आगे कहा कि आजम खान इतने माह से जेल में हैं, लेकिन आज तक अखिलेश यादव एक बार भी उनसे मिलने नहीं पहुंचे।जिससे यह जाहिर होता है कि वे खुद ही नहीं चाहते हैं कि आजम खान बाहर आएं। फसाहत ने यह भी कहा था कि शायद अखिलेश यादव यह भूल रहे हैं कि विगत दिनों हुए विधानसभा चुनाव में अगर सपा के वोट फीसद में इजाफा दर्ज किया गया तो इसके एकमात्र वजह आजम खान ही हैं, क्योंकि उनकी वजह से ही सपा की तरफ मुस्लिम मतदाता आकृष्ट हुए हैं।

ध्यान रहे कि फसाहत खान आजम खान की अनुमति के बिना कोई भी बयान उनके संदर्भ में सार्वनिक नहीं करते हैं, जिससे यह जाहिर होता है कि आगामी दिनों में समाजवादी पार्टी में बड़ा राजनीतिक घमासान देखने को मिल सकता है। वहीं, बीते दिनों एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी भी आजम को अपनी पार्टी में आने का न्योता दे चुके हैं। एआईएमआईएम के नेताओं का कहना है कि ओवैसी आजम को अपना बड़ा भाई जैसा मानते हैं। अगर वे पार्टी में शामिल होते हैं, तो हम दोहरी मजबूती के साथ राजनीति करने में सफल रहेंगे। ध्यान रहे कि एआईएमआईएम के प्रमुख का उपरोक्त बयान इस लिहाज से भी अहम रखता है कि अब ओवैसी यूपी में भी अपनी राजनीतिक जड़े जमाने की जुगत में मसरूफ हो चुके हैं, जिसकी बानगी हमें विगत विधानसभा चुनाव में देखने को मिल चुकी है। बहरहाल, अब आगे चलकर आजम कब तक सलाखों से बाहर आते हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।

Exit mobile version