नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा चुनाव आयोग के नियमों में किए गए हालिया बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार (24 दिसंबर 2024) को इस मामले में एक रिट याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर जल्द सुनवाई करेगा। केंद्र सरकार ने चुनाव संचालन नियम, 1961 में संशोधन करते हुए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज, वेबकास्टिंग रिकॉर्डिंग, और उम्मीदवारों से संबंधित अन्य वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने का निर्णय लिया है। सरकार का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य ऐसे संवेदनशील दस्तावेजों के दुरुपयोग को रोकना है। ये बदलाव शुक्रवार (20 दिसंबर 2024) को अधिसूचित किए गए थे।
जयराम रमेश का बयान
जयराम रमेश ने याचिका दायर करने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 में हाल के संशोधनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट दायर की गई है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है, जिस पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है। इसे एकतरफा और सार्वजनिक विचार-विमर्श के बिना इतने महत्वपूर्ण नियम में संशोधन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। यह बदलाव चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने वाली जानकारी तक सार्वजनिक पहुंच को समाप्त करता है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसे बहाल करेगा।”
निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961, में हाल के संशोधनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट दायर की गई है।
चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है। इस पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है, इसलिए इसे एकतरफा और सार्वजनिक विचार-विमर्श के बिना इतने महत्वपूर्ण नियम में…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 24, 2024
क्या हैं नए संशोधन?
चुनाव आयोग (EC) की सिफारिश पर केंद्रीय कानून मंत्रालय ने रूल 93(2)(ए) में संशोधन किया है। इसके तहत अब चुनाव से संबंधित सभी दस्तावेज जनता के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।
- केवल चुनाव संचालन से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक निरीक्षण के लिए उपलब्ध रहेंगे।
- सीसीटीवी फुटेज, वेबकास्टिंग वीडियो, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड अब सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे।
सरकार का तर्क है कि यह कदम संवेदनशील जानकारी के दुरुपयोग और मतदान गोपनीयता के उल्लंघन को रोकने के लिए उठाया गया है।
Writ petition filed by #Congress Party before #SupremeCourt challenging the recent amendments to the Conduct of Election Rules, 1961.
Election Commission cannot unilaterally and without public consultation amend such a vital law, the party has argued. pic.twitter.com/xCwqR6Mlw6
— LawBeat (@LawBeatInd) December 24, 2024
सीसीटीवी फुटेज के दुरुपयोग का डर
सरकार का कहना है कि चुनावी प्रक्रिया में सीसीटीवी फुटेज के दुरुपयोग की संभावना बढ़ गई थी। खासकर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर मतदान केंद्रों के अंदर की फुटेज का गलत इस्तेमाल हो सकता है। इस समस्या से निपटने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है।
कांग्रेस की आपत्ति
कांग्रेस का कहना है कि यह संशोधन चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को खत्म करता है और जनता की पहुंच को सीमित करता है। पार्टी का मानना है कि ऐसे बदलाव बिना सार्वजनिक चर्चा और विचार-विमर्श के लागू नहीं किए जाने चाहिए।