नई दिल्ली। हाल ही में लद्दाख के दो दिवसीय दौरे से वापस लौटे सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने आज रूस से लौटकर आए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और भारत चीन सीमा पर बन रहे हालात की जानकारी दी।
सेनाध्यक्ष जनरल एमए नरवणे ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात की और उन्हें लद्दाख क्षेत्र में जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी दी। वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के फॉरवर्ड लोकेशन पर जाकर स्थिति का जायजा ले चुके हैं। लद्दाख दौरे के दो दिनों में सेनाध्यक्ष नरवणे ने पूर्वी लद्दाख में पीएलए के साथ पॉइंट पर हुए गतिरोध के बारे में आकलन किया। इसके अलावा उन्होंने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के साथ एलएसी पर सभी 65 बिंदुओं पर गश्त करने के लिए सैनिकों को निर्देश दिए।
ऐसे में एलएससी से लौटकर आए सेना प्रमुख की रक्षामंत्री के साथ यह बैठक अहम मानी जा रही है। दोनों के साथ बैठक 1 घंटे से ज्यादा चली।
वहीं सूत्रों की मानें तो रक्षामंत्री को सेना प्रमुख ने सीमा पर स्थित हालात के 4 बिंदुओं से अवगत कराया। पहला जनरल नरवणे ने रक्षा मंत्री को लोकल आर्मी कमांडर्स के साथ हुई बैठक के बाद, एलएसी पर भारत की डिफेंसिव पॉजिशन कितनी मजबूत इसकी जानकारी दी। दूसरा वहां अभी किन-किन चीजों की जरूरत है ये ये भी बताया। इसके अलवा अगर गतिरोध लंबा चलने की स्थिति होती है तो वहां और क्या-क्या जरूरत हो सकती है। इस पर भी लंबी चर्चा हुई।
वहीं सूत्रों की मानें तो तीसरा चीन किन इलाकों में आगे बढ़ने की और एलएसी पर यथास्थिति बदलने की कोशिश कर सकता है। इसकी भी जानकारी सेना प्रमुख के द्वारा रक्षामंत्री को दी गई और ऐसे सभी इलाकों में पट्रोलिंग बढ़ाने के साथ-साथ क्या क्या कदम उठाए गए हैं इसकी भी जानकारी दी गई।
वहीं चीन और भारत LAC पर सैनिकों को धीरे-धीरे पीछे कैसे हटाएंगे। आर्मी चीफ ने कोर कमांडर के साथ बैठक में इस पर चर्चा भी की थी कि सैनिकों को जब पीछे करना शुरू किया जाएगा तो प्रक्रिया कैसी होगी। इसको लेकर पूरी प्लानिंग को रक्षा मंत्री को बताया गया है। इसके साथ ही सूत्रों की मानें तो रक्षा मंत्री शाम को पीएम से मुलाकात कर उन्हें पूरे हालात की जानकारी दे सकते हैं।