नई दिल्ली। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राजधानी दिल्ली में आयोजित आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में पहुंचे। यह कार्यक्रम चार दिन तक होना है। सेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मौजूदा सुरक्षा माहौल को संभालने के अंदाज के लिये भारतीय सेना की तारीफ की। राजनाथ के बयान को पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के सीधे संदर्भ में देखा जा रहा है। सोमवार को शुरू हुए चार दिवसीय सम्मेलन में शीर्ष सैन्य कमांडर चीन के साथ लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की युद्धक तैयारियों के साथ ही जम्मू कश्मीर में स्थिति की व्यापक समीक्षा कर रहे हैं। इसकी अध्यक्षता सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे कर रहे हैं।
अपने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राजनाथ सिंह ने लिखा कि भारतीय सेना ने आजदी के बाद से ही देश की सुरक्षा और संप्रभुता पर आई चुनौतियों का ठीक तरह से सामना किया है। उन्होंने लिखा ‘फिर चाहे आतंकवाद, विद्रोह या कोई बाहरी हमला हो, सेना ने इन खतरों को रोकने में जरूरी भूमिका निभाई है।’
Addressed the Army Commanders’ Conference in New Delhi today. I’m extremely proud of the initiatives undertaken by the Indian Army in the current security environment.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 28, 2020
The Indian Army has been successful in addressing several challenges to the security and sovereignty of this country since the Independence.
Be it the problem of terrorism, insurgency or any external attack, the Army has played a significant role in neutralising those threats.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 28, 2020
रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों की भुजाओं को मजबूती देने के लिये सरकार कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। सिंह ने ट्वीट किया, “नयी दिल्ली में आज सैन्य कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित किया। मौजूदा सुरक्षा माहौल में भारतीय सेना द्वारा उठाए गए कदमों पर मुझे बेहद गर्व है।”
The Ministry of Defence is committed to facilitate the Army in their forward movement on road to reforms and help them in achieving advantages in all areas. We will leave no stone unturned to strengthen the arms of our Armed forces.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 28, 2020
राजनाथ सिंह ने कहा, “सुधारों के मार्ग पर आगे बढ़ रही सेना को हर सुविधा देने और सभी क्षेत्रों में बढ़त हासिल करने में मदद के लिये रक्षा मंत्रालय प्रतिबद्ध है। हम अपने सशस्त्र बलों की भुजाओं को मजबूत बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।”