News Room Post

Arvind Kejriwal Exposed: छत्तीसगढ़ में केजरीवाल ने दी झूठी गारंटी!, सरकारी नौकरी पर RTI से खुली पोल

CM Arvind Kejriwal

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) राजधानी में मुफ्त बिजली, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल का हवाला देकर राष्ट्रीय पार्टी के सबसे बड़े नेता बनकर इन दिनों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार करने में जुटे हैं। देश में लोकतंत्र है कोई भी पार्टी किसी भी राज्य से चुनाव लड़ने का हक रखती है लेकिन समस्या तब होती है जब नेता सत्ता पाने के लिए बड़े-बड़े वादे करते हैं लेकिन उन्हें पूरा नहीं करते और अब आज की राजनीति में तो बात वादों से कई कदम आगे बढ़कर गारंटी तक पहुंच गई है। अब वादे नहीं गारंटियां तोड़ी जाती हैं। अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) झूठी गारंटी देने की चैंपियन है, ये हम नहीं कह रहे, बल्कि एक आरटीआई से जो चौंकाने वाला खुलासा हुआ है वो इस बात की तस्दीक करता है।

दरअसल, अरविंद केजरीवाल अभी बीते दिनों चुनाव प्रचार के तहत छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में थे। वहां इन दिनों विधानसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियों के नेता तैयारियों में जुटे हुए हैं। केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान भी शनिवार को छत्तीसगढ़ दौरे पर थे। यहां उन्होंने चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ की जनता को लुभाने के लिए कई गारंटियों की घोषणा की।

मुफ्त बिजली, मुफ्त शिक्षा और मुफ्त इलाज के अलावा उन्होंने छत्तीसगढ़ के 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने की गारंटी दी साथ ही नौकरी मिलने तक हर बेरोजगार को तीन हजार रुपए महीने का बेरोजगारी भत्ता देने की भी गारंटी केजरीवाल की ओर से दी गई। लेकिन जब रायपुर में अरविंद केजरीवाल बात छत्तीसगढ़ के 10 लाख बेरोजगारों को सरकारी नौकरी देने की करेंगे तो जाहिर सी बात है कि सवाल दिल्ली को लेकर तो पूछा जाएगा क्योंकि यहां बीते 8 साल से उनकी सरकार है।

इसी सवाल का जवाब जानने के लिए जब एक आरटीआई दाखिल की गई तो जो जवाब मिला वो जानने के बाद आप भी केजरीवाल पर भरोसा करने से पहले सौ बार सोचेंगे। छत्तीसगढ़ में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी की गारंटी देने वाले अरविंद केजरीवाल दिल्ली में अपनी सरकार के बीते 8 सालों में केवल 589 लोगों को ही सरकारी नौकरी दे पाए हैं। जी हां, अब कहां तो 10 लाख का वादा और कहां धरातल पर दिल्ली में 589 लोगों का आंकड़ा।

इससे साफ पता चलता है कि केजरीवाल की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। आप खुद देख सकते हैं कि आरटीआई एक्टिविस्ट कुनाल शुक्ला ने इस आरटीआई में सवाल पूछा है कि साल 2015 से लेकर 2023 तक दिल्ली सरकार ने किस किस सरकारी विभाग में कितने पदों पर सरकारी नौकरी दी जिसके जवाब में दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की तरफ से अलग अलग सालों का ब्यौरा देते हुए बताया गया है कि इन आठ सालों में कुल 589 लोगों को सरकारी नौकरियां दिल्ली में दी गई हैं। अब आप खुद सोच सकते हैं कि जो केजरीवाल अपने राज में बीते 8 सालों में दिल्ली वालों से किया अपना वादा पूरा नहीं कर पाए, जो यहां केवल 589 सरकारी नौकरी देते हैं वो छत्तीसगढ़ में अपनी गारंटी पूरी करेंगे इसकी क्या गारंटी है ?

Exit mobile version