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Uttarakhand: धामी सरकार ने किया मदरसों का सर्वे करने का ऐलान, तो कांग्रेस भी उतरी सपोर्ट में, कही ये बात

नई दिल्ली। उत्तराखंड की धामी सरकार ने हाल ही में प्रदेश में संचालित हो रहे सभी मदरसों का सर्वे कराने का निर्देश दिया है, तो ऐसे में लगा कि कांग्रेस अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए उक्त फैसले की आलोचना करेगी, ताकि सरकार की घेराबंदी की जा सकें, तो वहीं चुनाव के लिहाज से वोटों का ध्रुवीकरण हो सकें, लेकिन क्या आपको पता है कि धामी सरकार के इस फैसले की उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण महारा ने स्वागत किया है और इसके साथ ही उन्होंने जो बयान उक्त फैसले पर दिया है, उसकी चर्चा अभी सोशल मीडिया पर अपने चरम पर पहुंच चुकी है। आइए, जानते हैं कि आखिर उन्होंने धामी सरकार के फैसले को लेकर क्या कुछ कहा है ?

कांग्रेस ने क्या कहा ?

बता दें कि धामी सरकार के उक्त फैसले पर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण महारा ने कहा कि ,’कुछ सोचकर ही मुख्यमंत्री धामी ने यह फैसला लिया होगा, क्योंकि यदा-कदा जितने भी निजी से लेकर सार्वजनिक विद्यालय हैं, उनके भी सर्वे और औचक निरीक्षण होते रहते हैं, तो इसमें कोई हर्ज नहीं है, अगर मदरसों के भी सर्वे होते हैं, क्योंकि ये भी शिक्षण संस्थान है और मुझे लगता है कि यह कदम राज्य और राष्ट्रीय हित में है। इस फैसले को सियासी चश्मे से नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य से देखना चाहिए। हालांकि, जिस तरह कांग्रेस प्रदेश अध्य़क्ष करण मेहरा ने धामी सरकार के इस कदम का स्वागत किया है, उसे लेकर अभी तक किसी दूसरे कांग्रेसी नेता का कोई बयान सामने नहीं आया है।

बता दें कि बीते दिनों जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में संचालित मदरसों के सर्वे कराने का आदेश दिया था, तो उत्तर प्रदेश की कांग्रेस इकाई ने विरोध किया था। लेकिन उत्तराखंड में अलग ही तस्वीर देखने को मिली है, जिसकी चर्चा अभी चरम पर पहुंच चुकी है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में तकरीबन 425 मदरसे संचालित होते हैं। लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में मात्र 200 मदरसों की संख्या ही दर्ज है। इन मदरसों को केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार की ओर से भी फंडिंग मुहैया कराई जाती है। इस बीच धामी सरकार ने उत्तराखंड में संचालित होने वाले मदरसों की स्थिति से अवगत होने के लिए उपरोक्त कदम उठाया है। बता दें कि समय-समय उत्तराखंड में संचालित होने वाले शिक्षण संस्थानों के सर्वे होते रहते हैं। अब इसी तर्ज पर मदरसों के भी सर्वे कराने का फैसला किया गया है, ताकि इसकी वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी स्पष्ट हो सकें। बहरहाल, अब आगामी दिनों में यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम

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