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Fact Check: ‘मोदी सरकार ने जी-20 शिखर बैठक पर बजट से सैकड़ों गुना ज्यादा कर दिया खर्च!’, अफसर ने विपक्ष के इस आरोप की निकाली हवा

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन हो गया। इसके लिए दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया था। जगह-जगह बैनर और पोस्टर लगाकर जी-20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत किया गया। फव्वारे लगवाए गए। इनके अलावा भी तमाम काम ऐसे हुए, जिनसे देश की राजधानी और संवर व निखर उठी। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर तमाम लोग मोदी सरकार पर ये आरोप लगाने लगे कि उसने जी-20 की शिखर बैठक के लिए पानी की तरह पैसा बहाया। विपक्ष की तरफ से तमाम दावे ये भी हुए कि बजट से सैकड़ों गुना ज्यादा रकम जी-20 पर खर्च कर दी गई। आरजेडी के नेता लालू यादव ने तो ये तक कह दिया कि इतना पैसा खर्च करने से जनता को भला क्या हासिल हुआ? टीएमसी के सांसद साकेत गोखले ने भी आरोप लगाया था कि बजट से कहीं ज्यादा खर्च जी-20 पर हुआ है।

तो क्या मोदी सरकार ने वाकई जी-20 में भारत की आन, बान और शान दिखाने के लिए बजट से कहीं ज्यादा पैसा खर्च किया? सोशल मीडिया पर दावे किए जाते रहे कि सरकार ने 4000 करोड़ से ज्यादा की रकम जी-20 शिखर बैठक के दौरान दिखावे पर खर्च कर दी। अब इन दावों की हकीकत सामने आ गई है। जी-20 शिखर बैठक के दौरान भारत के शेरपा और वरिष्ठ आईएएस अफसर अमिताभ कांत ने इंडिया टुडे न्यूज चैनल पर बताया है कि भारत ने जी-20 पर कितना खर्च किया। अमिताभ कांत ने न्यूज चैनल पर एक सवाल के जवाब में बताया कि सोशल मीडिया पर जो हजारों करोड़ का खर्च जी-20 पर किए जाने का दावा किया जा रहा है, उसमें कोई सच्चाई नहीं है। अमिताभ कांत ने बताया कि हकीकत ये है कि जो बजट जी-20 के शिखर सम्मेलन के लिए दिया गया था, उससे भी काफी कम इसमें खर्च हुआ है।

जी-20 की अध्यक्षता जब भारत को मिली थी, तो केंद्र सरकार ने अपने बजट में इसके लिए 990 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की थी। अब अमिताभ कांत कह रहे हैं कि इस बजट से भी काफी कम में जी-20 शिखर बैठक को मोदी सरकार ने कराया है। अमिताभ कांत वरिष्ठ अफसर हैं। ऐसे में इसकी आशंका कम ही है कि वो खर्च को लेकर झूठ बोल रहे होंगे। तो अमिताभ कांत की बात को मान लिया जाए, तो जी-20 शिखर बैठक में खर्च को लेकर सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे और विपक्ष के आरोपों में फिलहाल सच्चाई नहीं दिखती है।

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