नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन हो गया। इसके लिए दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया था। जगह-जगह बैनर और पोस्टर लगाकर जी-20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत किया गया। फव्वारे लगवाए गए। इनके अलावा भी तमाम काम ऐसे हुए, जिनसे देश की राजधानी और संवर व निखर उठी। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर तमाम लोग मोदी सरकार पर ये आरोप लगाने लगे कि उसने जी-20 की शिखर बैठक के लिए पानी की तरह पैसा बहाया। विपक्ष की तरफ से तमाम दावे ये भी हुए कि बजट से सैकड़ों गुना ज्यादा रकम जी-20 पर खर्च कर दी गई। आरजेडी के नेता लालू यादव ने तो ये तक कह दिया कि इतना पैसा खर्च करने से जनता को भला क्या हासिल हुआ? टीएमसी के सांसद साकेत गोखले ने भी आरोप लगाया था कि बजट से कहीं ज्यादा खर्च जी-20 पर हुआ है।
UNBELIEVABLE!
Modi Govt spent a WHOPPING 300% more on G20 than the funds allocated in budget.
Q. How much was allocated for G20 Summit in the last Union Budget?
👉 ₹990 cr
Q. How much did Modi Govt actually spend?
👉 OVER ₹4100 cr
That’s 300% (or ₹3110 cr) over the… pic.twitter.com/ShneHdkHha
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) September 11, 2023
तो क्या मोदी सरकार ने वाकई जी-20 में भारत की आन, बान और शान दिखाने के लिए बजट से कहीं ज्यादा पैसा खर्च किया? सोशल मीडिया पर दावे किए जाते रहे कि सरकार ने 4000 करोड़ से ज्यादा की रकम जी-20 शिखर बैठक के दौरान दिखावे पर खर्च कर दी। अब इन दावों की हकीकत सामने आ गई है। जी-20 शिखर बैठक के दौरान भारत के शेरपा और वरिष्ठ आईएएस अफसर अमिताभ कांत ने इंडिया टुडे न्यूज चैनल पर बताया है कि भारत ने जी-20 पर कितना खर्च किया। अमिताभ कांत ने न्यूज चैनल पर एक सवाल के जवाब में बताया कि सोशल मीडिया पर जो हजारों करोड़ का खर्च जी-20 पर किए जाने का दावा किया जा रहा है, उसमें कोई सच्चाई नहीं है। अमिताभ कांत ने बताया कि हकीकत ये है कि जो बजट जी-20 के शिखर सम्मेलन के लिए दिया गया था, उससे भी काफी कम इसमें खर्च हुआ है।
Alleged Journo Rajdeep again taken to cleaners by Sherpa G20 Amitabh Kant for Spreading Fake News on G20 expenditure surpassing alloted budget.
Fake News is making rounds that more than 4000 cr has been spent on #G20BharatSummit pic.twitter.com/njp5BEOe3E— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) September 11, 2023
जी-20 की अध्यक्षता जब भारत को मिली थी, तो केंद्र सरकार ने अपने बजट में इसके लिए 990 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की थी। अब अमिताभ कांत कह रहे हैं कि इस बजट से भी काफी कम में जी-20 शिखर बैठक को मोदी सरकार ने कराया है। अमिताभ कांत वरिष्ठ अफसर हैं। ऐसे में इसकी आशंका कम ही है कि वो खर्च को लेकर झूठ बोल रहे होंगे। तो अमिताभ कांत की बात को मान लिया जाए, तो जी-20 शिखर बैठक में खर्च को लेकर सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे और विपक्ष के आरोपों में फिलहाल सच्चाई नहीं दिखती है।