नई दिल्ली। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तारीखों का आज एलान होने वाला है। चुनाव आयोग दोपहर 3.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा की चुनाव तारीखों का एलान करेगा। इसके अलावा चुनाव आयोग यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का भी एलान कर सकता है। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा के लिए नवंबर में वोटिंग कराई जाएगी माना जा रहा है कि दोनों राज्यों में 2 से 3 दौर में मतदान कराया जा सकता है। इसकी वजह ये है कि महाराष्ट्र और झारखंड में कई सीट नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं और वहां वोटिंग के दौरान बहुत कड़ी सुरक्षा देने की जरूरत पड़ती है।
महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को खत्म होगा। वहीं, झारखंड विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 5 जनवरी 2025 तक है। अब ये भी जान लीजिए कि साल 2019 में महाराष्ट्र और झारखंड में किस पार्टी को कितनी सीट मिली थीं और वहां अभी किनकी सरकार है। महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीट हैं और बहुमत के लिए 145 सीट हासिल करना जरूरी है। पिछली बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 105 सीट मिली थीं। तब बीजेपी के साथ रही अविभाजित शिवसेना के 56 विधायक चुने गए थे। वहीं, शरद पवार की अध्यक्षता वाली अविभाजित एनसीपी के 54 विधायक 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचे थे। कांग्रेस के 44, अन्य पार्टियों के 16 और 13 निर्दलीय विधायक भी महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचे थे। उद्धव ठाकरे की तरफ से सीएम पद पर दावा करने के बाद बीजेपी से शिवसेना का अलगाव हो गया था। फिर उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और अविभाजित एनसीपी के साथ सरकार बनाई थी। इसके बाद एकनाथ शिंदे के साथ 39 विधायकों ने शिवसेना में विभाजन कराया और बीजेपी के साथ सरकार बनाई। एनसीपी में भी बाद में टूट हुई थी और अजित पवार ने चाचा शरद पवार की पार्टी तोड़कर बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल होने का फैसला किया।
झारखंड विधानसभा की बात करें, तो यहां 81 सीट हैं। झारखंड विधानसभा में बहुमत के लिए 42 विधायक होने जरूरी हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव की बात करें, तो हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी जेएमएम के 26 विधायक जीते थे। वहीं, झारखंड में बीजेपी के 22 विधायकों ने भी जीत हासिल की थी। इन दोनों पार्टियों के अलावा 16 सीट पर कांग्रेस जीती थी। पिछली बार झारखंड विधानसभा चुनाव में आजसू को 3, झाविमो को 2, आरजेडी को 1, सीपीआई-एमएल को 1, एनसीपी को 1 व 2 निर्दलीयों को भी जीत हासिल हुई थी। झारखंड विधानसभा में 1 विधायक मनोनीत किया जाता है। यहां जेएमएम ने कांग्रेस और आरजेडी समेत अन्य दलों से हाथ मिलाकर 5 साल तक सरकार चलाई है। इस बार जेएमएम जहां फिर से सरकार बनाने की कोशिश करेगी, वहीं बीजेपी उसे सत्ता से हटाने के लिए पहले से ही माहौल बनाए हुए है। बीजेपी ने झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों और हेमंत सोरेन सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दों को उछाला हुआ है।