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Farmers Protest: किसान नेता ने खोल दी राकेश टिकैत की पोल, कहा कृषि कानून की असलियत को असली किसान नेता अच्छी तरह समझते हैं…

Chaudhary Virendra Singh Farmer Leader Rakesh Tikait

नई दिल्ली। किसानों का आंदोलन ढाई महीने से ज्यादा समय से जारी है। इस सब के बीच शनिवार को देशभर में किसान नेताओं के आह्वान पर 3 घंटे का चक्का जाम किया गया। जिसमें यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली को चोड़कर पूरे देश में किसानों से नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे को जाम करने का अनुरोध किया गया था। हालांकि इस चक्का जाम पूरी तरह से बेअसर रहा। इस चक्का जाम का आह्वान करने वाले किसान नेता राकेश टिकैत को अब दूसरे किसान नेता दर्शनपाल के निशाने पर आना पड़ा है। उन्होंने कहा कि यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला था। उनको लगा था कि इस वजह से यूपी और उत्तराखंड में दंगा भड़क सकता है इसलिए इन राज्यों में चक्का जाम नहीं करने की बात की गई और इस चक्का जाम का फैसला जल्दबाजी में लिया गया।

वहीं भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने भी जमकर कई चैनलों पर किसान नेता राकेश टिकैत पर हमला बोला। उन्होंने सीधे तौर पर इस आंदोलन को किसान आंदोलन कहने से मना कर दिया और कहा कि यह आंदोलन किसानों का आंदोलन ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जिसने कुर्ता-पैजामा पहन लिया वह कहां से किसान नेता हो गया यह तो सीधे तौर पर राजनेतिक आंदोलन हो गया। राकेश टिकैत पर हमला बोलते हुए भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह दो बार अलग-अलग राजनीतिक दलों के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और वह कहते हैं कि वह किसानों के हित में बात कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि मैं राकेश टिकैत के पिता महेन्द्र सिंह टिकैत का सहयोगी रहा उनको मैं हमेशा अपने पितातुल्य मानता था।

इसके बाद किसान नेता चौधरी विरेंद्र सिंह ने किसानों के हमदर्द बनने की कोशिश कर रहे राकेश टिकैत की पोल खोलनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि एक सच्चा किसान असलियत जानता और समझता है। इसलिए मुझे पता है कि इस तीनों कानूनों से किसानों को फायदा मिलनेवाला है। इसलिए मैं इस कृषि कानूनों का समर्थन करता हूं। किसान नेता चौधरी विरेंद्र सिंह ने कहा कि किसान अन्न पैदा करते हैं, बॉर्डर पर लड़ने वाले बच्चे पैदा करते हैं, लेकिन ठेकेदार पैदा नहीं करते।

उन्होंने पूरे तर्कों के साथ इस किसान आंदोलन की पोल खोलकर रख दी। ऐसे में किसान आंदोलन की हकीकत को जनता को भी जानना चाहिए। वीरेंद्र सिंह ने आगे कहा कि किसान नेता राकेश टिकैत में दुर्योधन की आत्मा आ गई है। वह किसी की नहीं सुन रहे, चाहे श्री कृष्ण भी आ जाएं वह नहीं सुनेंगे। इसके साथ ही उन्होंने सीधे तौर पर इस आंदोलन पर होनेवाली फंडिंग को लेकर आरोप लगा दिया कि गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर दुनिया के कई देशों से पैसे भेजे जा रहे हैं वहीं पंजाब के नशा माफिया भी बड़ी ताकत के साथ इस आंदोलन को फाइनेंस करने में लगी हुई है। वीरेंद्र सिंह भारतीय किसान यूनियन से 1987 से जुड़े थे। इसके साथ ही वह महेंद्र सिंह टिकैत के सलाहकार रहने के साथ 1992 से 2002 तक भाकियू के मुजफ्फरनगर इकाई के जिलाध्यक्ष रहे।

उन्होंने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि अभी वर्तमान में चल रहा किसान आंदोलन फाइव स्टार वाला हो गया है। देश विरोधी ताकतें इस आंदोलन को फाइनेंस कर रही हैं। सारा देश जानता है कि फंडिंग कहां से हो रही है। ये वही ताकतें हैं, जिन्होंने सीएए के आंदोलन के लिए फंडिंग की थी।

चौधरी विरेंद्र सिंह ने आगे कार्यक्रम में शामिल कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह को याद दिलाया कि कैसे बोट क्लब के आंदोलन के दौरान लोनी बॉर्डर पर किसानों पर गोली चलाई गई थी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यूपी के किसान उतना ही अनाज उपजाते हैं जितने का वह उपयोग करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कॉन्टेक्ट फार्मिंग के बारे में ये समझा रहे हैं जिनको पता है कि यह सब पहले से हो रहा है हम तो गन्ना उपजाते हैं और उसको अपने बाजार में बेचने के बजाए मिल पर आश्रित हैं। इस वीडियो में 26वें मिनट से आप किसान नेता चौधरी विरेंद्र सिंह के सारे जवाब सुन सकते हैं….

चौधरी विरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रियंका गांधी 9 तारीख को मुजफ्फरपुर आ रही हैं उन्हें बोट क्लब आंदोलन में शहीद हुए किसानों के बीच जाकर माफी मांग लेनी चाहिए। उन्होंने इसके साथ ही साफ कर दिया कि आप बता दीजिए एमएसपी पर कानून तो बना दें लेकिन क्वालिटी की गारंटी कौन देगा?

ऐसे ही कई और बातों के जरिए उन्होंने पूरे किसान आंदोलन की पोल खोलकर रख दी।

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