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Shanti Bhushan Death: पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण का निधन, 97 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस, लंबे समय से थें बीमार

नई दिल्ली। दिग्गज वकील और पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण का 97 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वे मोरारजी देसाई सरकार में कानून मंत्री के पद पर रहे थे। आपको बता दें कि उन्होंने साल 1977 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में राजनारायण की नुमाइंदगी की थी, जिसके बाद इंदिरा गांधी को कदाचार के आरोप की वजह से प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया था।

दरअसल, 1971 में इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ी थी, जिसमें उन्हें सफलता हासिल हुई थी और वो प्रधानमंत्री भी बनीं, लेकिन जनसंघ ने उनके ऊपर कदाचार का आरोप लगाया। जिसके बाद मामला कोर्ट में पहुंच गया और इसी बीच देश के जाने माने वकील शांति भूषण ने राजनायारण का इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रतनिधित्व किया था। आपको बता दें कि जनसंघ ने रायबरेली सीट से चुनाव जीतने के लिए इंदिरा गांधी पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया था और यह भी कहा था कि उन्होंने अनैतिक तरीके से चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया।

वहीं, जनसंघ की तरफ से इंदिरा गांधी के खिलाफ विरोध का बिगुल बजाने वाले राजनारायण का केस शांति भूषण ने लड़ा, जिसका नतीजा यह हुआ कि कोर्ट ने इंदिरा गांधी पर लगे आरोपों को सही पाया और उन्हें प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ कर दिया। जिसके बाद कांग्रेस इंदिरा की सरकार बचाने के लिए देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। इस बीच प्रेस की स्वतंत्रता पर भी कुठाराघात किया गया था। परिस्थितियां कुछ ऐसी बन चुकी थी कि किसी भी पत्रकार को सरकार के विरोध में लिखने की इजाजत नहीं थी। जिसका हवाला देकर आज भी बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर रहती है। उधर, अगर शांति भूषण के राजनीतिक सफर की बात करें, तो पहले वो (कांग्रेस ओ) के सदस्य रहे। इसके बाद उन्होंने जनता दल का दामन थाम लिया था। बाद वे राज्यसभा के सदस्य भी रहे। इसके बाद वे 1980 में बीजेपी में शामिल हो गए थे, लेकिन साल 1986 में वे बीजेपी को अलविदा कह दिया।

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