नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में बीएसपी सरकार में मंत्री रहे राम लखन वर्मा के बेटे उपकार सिंह ने हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। सूचना मिलते ही लखनऊ हजरतगंज थाने की पुलिस ने पूर्व मंत्री के घर पहुंचकर किसी तरह दरवाजा तोड़ा और समझा बुझाकर उपकार सिंह को सिविल अस्पताल में ले जाकर एडमिट कराया जिससे उसकी जान बच गई। बताया जा रहा है कि पूर्व मंत्री का बेटा उपकार सिंह नशे का आदी है और आज भी जब उसने हाथ की नस काटी तो वो नशे में था। यह घटना पूर्व मंत्री के डालीगंज स्थित घर की है।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″><p lang=”hi” dir=”ltr”>कितनी मुश्किल होती है पुलिस की जिंदगी.. मदद करनी है.. समय पर करनी है.. संभालना भी है.. समझाना भी है.. बिना धैर्य खोए.. हो सकता है आप जिसकी मदद कर रहे हों, वो भड़क जाए.. धक्का-मुक्की करे.. अराजकता करने लगे.. मारपीट कर दे.. लेकिन खाकीवालों को खुद को संभाले रखना होता है.. इस वीडियो… <a href=”https://t.co/KYKF4mR5AS”>pic.twitter.com/KYKF4mR5AS</a></p>— Vivek K. Tripathi (@meevkt) <a href=”https://twitter.com/meevkt/status/1874061245684335019?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 31, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
जैसे ही पुलिस को सूचना मिली तुरंत ही पुलिसकर्मी राम लखन वर्मा के घर पहुंचे। वहां पहुंचकर पुलिसकर्मियों ने पाया कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की से झांककर देखने पर पता चला कि उपकार ने अपने हाथ की नस काट ली है और उसके हाथ से खून बह रहा है। उसको बातों में लगाकर पुलिसकर्मियों ने किसी तरह दरवाजा तोड़ा और कमरे के अंदर गए। इसके बाद भी वो अस्पताल जाने को तैयार नहीं था। पुलिसकर्मियों ने बहुत ही संयम बरतते हुए उसे समझाया और गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया।
मायावती के साथ शपथ लेने वाले अकेले मंत्री थे राम लखन वर्मा
आपको बता दें कि राम लखन वर्मा कभी बीएसपी के कद्दावर नेताओं में शुमार थे। वो मायावती के बहुत ही करीब माने जाते थे। बीएसपी गठबंधन के साथ जब मुलायम सिंह ने सरकार बनाई थी तब राम लखन वर्मा को पंचायती राज मंत्री बनाया गया था। बाद में जब मायावती ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया तो सरकार गिर गई। इसके बाद जब बीजेपी के सहयोग से मायावती सीएम बनीं तो उनके साथ शपथ लेने वालों में राम लखन वर्मा एकमात्र मंत्री थे। हालांकि बाद में वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। इसके बाद सपा की टिकट पर उन्होंने दो बार विधानसभा और एक बार लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन तीनों में उनको हार का सामना करना पड़ा।