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Allahabad High Court: मुस्लिम लड़के के साथ लिव इन में रहना चाहती थी हिंदू युवती, याचिका ख़ारिज करते हुए इलाहाबाद HC ने कहा, इस्लाम में ऐसे रिश्तों पर..

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प्रयागराज। इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक लिव इन रिलेशनशिप को लेकर एक ऐसा फैसले सुनाया है जो आने वाले समय में एक बड़ी नजीर बनेगा। हाईकोर्ट में एक हिंदू लड़की ने मुस्लिम युवक के साथ लिव इन में रहने को लेकर याचिका दायर की थी जिसपर कोर्ट ने फैसले सुनाते हुए कहा कि इस्लाम के मुताबिक बिना विवाह के किसी भी तरह के यौन संबंध, वासनापूर्ण कृत्य जैसे चुंबन, स्पर्श, छूना, घूरना इत्यादि बिल्कुल वर्जित है। कोर्ट के मुताबिक इन सभी कृत्यों को मुस्लिम धर्म में अनैतिक और हराम बताया गया है। इसको व्यभिचार की श्रेणी में रखा गया है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस पूरे मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, कुरान के अध्याय 24 के अनुसार इस प्रकार के किसी भी व्यभिचार के लिए अविवाहित पुरुष और महिला के लिए 100 कोड़े की सजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके आलावा कुरान में ही विवाहित पुरुष और महिला के लिए ऐसे किसी कृत्य में शामिल होने पर सुन्नत के अनुसार पत्थर मारकर हत्या करने की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने इस्लाम और कुरान का हवाला देते हुए ये कहते हुए याचिका को सिरे से नकार दिया। युवती की जिद से उसकी मां परेशान है, युवती की मां की शिकायत पर दोनों के विरुद्ध FIR दर्ज की गई है।

जान के खतरे का हवाला देते हुए 29 वर्ष की हिंदू महिला और 30 वर्षीय मुस्लिम पुरुष ने याचिका दाखिल कर सुरक्षा की मांग की थी, हालांकि दोनों ने निकट भविष्य में शादी की इच्छा नहीं जताई थी, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस्लाम में में विवाहेत्तर संबंधों को लेकर कोई इजाजत नहीं दी है। गौर करने वाली बात ये है कि अलग अलग समुदाय से ताल्लुख रखने वाले इस जोड़े ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि लड़की की मां के कहने पर लखनऊ के थाना हसनगंज की पुलिस उन्हें लगातार डरा धमका रही है। इसके आलावा इसी याचिका में कहा गया कि दोनों के धर्म अलग-अलग होने के कारण लड़की के परिवार वाले उनके रिश्ते को बिल्कुल मान्यता नहीं दे रहे हैं।

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