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J&K: पाक में MBBS करवाकर कश्मीर में इस तरह आतंकवाद फैला रही थी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस, खुलासा आपको चौंका देगा

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नई दिल्ली। बीते दिनों राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग NMC ने कहा था कि पाकिस्तान से मिली एमबीबीएस की डिग्री भारत में मान्य नहीं होगी। इसकी वजह पहले पाकिस्तान में शिक्षा का खराब स्तर होना माना जा रहा था, लेकिन अब खुलासा ये हुआ है कि पाकिस्तान के मेडिकल कॉलेजों में कश्मीरी मुस्लिम छात्रों के लिए विशेष कोटा है और हर साल इस कोटे की 40 सीटों पर एडमिशन दिलाने के एवज में जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियां चलाने वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को भी मोटी रकम मिलती रही है। ये खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में एडमिशन कराकर जो रकम हुर्रियत हासिल करता रहा, उसका इस्तेमाल कश्मीर घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने में भी हुआ।

जांच से पता चला कि अगर कोई कश्मीरी मुस्लिम छात्र पाकिस्तान से एमबीबीएस की पढ़ाई करना चाहता है, तो उसे हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से इस बारे में चिट्ठी हासिल करनी होती है। इस चिट्ठी की बिनाह पर एडमिशन होता है। हुर्रियत सिर्फ उन्हीं छात्रों को ये चिट्ठी देता था, जो उसकी विचारधारा को मानता था। फिर एडमिशन के लिए 10 लाख रुपए भी छात्र के परिजनों से लिए जाते थे। हर साल हुर्रियत इस तरीके से 4 करोड़ रुपए हासिल करता था। ये पैसा हुर्रियत आतंक की फंडिंग और पत्थरबाजों पर खर्च करता था। सूत्रों के मुताबिक जांच से पता चला है कि हुर्रियत ने सिर्फ अलगाववाद की भाषा ही नहीं बोली, घाटी में आतंकवाद को मजबूत करने के लिए ये तरीका भी अपनाया।

जांच में ये खुलासा भी हुआ कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की ओर से कश्मीर के ऐसे युवाओं से भी संपर्क किया जाता था, जो आतंकी घटनाएं करने के लिए तैयार होते थे। ऐसे युवाओं को हुर्रियत की तरफ से ऑफर दिया जाता था कि उसके परिवार के एक सदस्य को पाकिस्तान से एमबीबीएस कराया जाएगा। इसके लिए कोई पैसा या फीस भी नहीं ली जाती थी। कोर्ट में दाखिल एक चार्जशीट के मुताबिक पिछले कुछ साल में हुर्रियत ने ऐसे छात्रों को पाकिस्तान भेजा, जिनके परिवार का कोई सदस्य आतंकी बना था।

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