नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का मतदान हो चुका है। अलग-अलग एक्जिट पोल में दावा किया गया है कि वहां त्रिशंकु विधानसभा हो सकती है। ऐसे में बीजेपी भी जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन के लिए रणनीति बनाने में अभी से जुटी है। न्यूज चैनल आजतक के मुताबिक अगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आने पर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आती है, तो वो छोटे दलों और निर्दलीयों को साथ लेकर केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने का दावा करेगी। न्यूज चैनल के मुताबिक बीजेपी ने इसी रणनीति के तहत जम्मू-कश्मीर में 2014 के मुकाबले कम उम्मीदवार उतारे थे।
बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के राज्य रहते 2014 के विधानसभा चुनाव में 75 प्रत्याशियों को लड़ाया था। इस बार उसने 62 सीटों पर ही चुनाव लड़ा। बीजेपी को उम्मीद है कि जम्मू क्षेत्र में वो एकतरफा सीटें जीतेगी। बीजेपी अपने बागियों से भी संपर्क में बताई जा रही है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में 5 विधायक मनोनीत भी किए जाने हैं। इनको मिलाकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की संख्या 95 हो जाएगी। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 48 होगी। जो विधायक मनोनीत होंगे, वे निश्चित तौर पर बीजेपी के सरकार बनाने पर उसी के साथ खड़े दिख सकते हैं। ऐसे में बीजेपी अभी से गुणा-गणित में लग गई है। 8 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही दोपहर तक तय हो जाएगा कि केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा का स्वरूप कैसा रहता है।
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर तेज चर्चा चली थी कि बीजेपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस से भी संपर्क साधा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस बार जम्मू-कश्मीर का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा है। इस गठबंधन के खाते में कश्मीर क्षेत्र की ज्यादातर सीटें आने का दावा एक्जिट पोल में किया गया है। हालांकि, जिस तरह बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच बयानों की जंग छिड़ी है और 370 के मुद्दे पर अलग-अलग राय है, उसे देखते हुए दोनों का गठबंधन शायद ही हो। हालांकि, राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। पीडीपी के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने सरकार चलाकर ये दिखाया भी है।